सूत्रों के मुताबिक, "नौसेना आखिरी क्षणों में पहचाने गए टारगेट्स पर हमला करने से रुक गई। इनमें कराची बंदरगाह पर पाकिस्तानी नौसेना के जहाज, सबमरीन्स और जमीन पर मौजूद टारगेट्स शामिल थे।" सूत्रों ने बताया, भारतीय नौसेना को जो टारगेट सौंपे गए थे, उनमें कराची बंदरगाह में खड़े पाकिस्तानी नेवी के जंगी जहाज और सबमरीन, साथ ही कुछ लैंड-बेस्ड टारगेट्स (ज़मीनी सैन्य ठिकाने) शामिल थे...
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📍नई दिल्ली | 27 Jun, 2025, 1:25 PM

Indian Navy Operation Sindoor: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब वायुसेना और थलसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, उस वक्त नौसेना भी पूरी तरह हमले के लिए तैयार थी। भारतीय नौसेना को बाकायदा टारगेट पैकेज सौंपे गए थे, यानी पाकिस्तान के अंदर किन-किन जगहों पर हमला करना है, ये पहले ही तय कर दिया गया था। हालांकि आखिरी समय में आदेश नहीं दिया गया और नौसेना ने फायर नहीं किया।

Indian Navy Operation Sindoor: कौन-कौन से टारगेट थे निशाने पर?

सूत्रों के मुताबिक, “नौसेना आखिरी क्षणों में पहचाने गए टारगेट्स पर हमला करने से रुक गई। इनमें कराची बंदरगाह पर पाकिस्तानी नौसेना के जहाज, सबमरीन्स और जमीन पर मौजूद टारगेट्स शामिल थे।” सूत्रों ने बताया, भारतीय नौसेना को जो टारगेट सौंपे गए थे, उनमें कराची बंदरगाह में खड़े पाकिस्तानी नेवी के जंगी जहाज और सबमरीन, साथ ही कुछ लैंड-बेस्ड टारगेट्स (ज़मीनी सैन्य ठिकाने) शामिल थे। इन पर हमलों के लिए BrahMos मिसाइलों और Kilo-class सबमरीन से दागी जाने वाली Klub-सीरीज़ की लैंड अटैक क्रूज़ मिसाइलें इस्तेमाल होनी थीं। भारतीय नौसेना के जंगी जहाज और सबमरीन, दोनों ही हमले के लिए अपनी पोजीशन में थे और किसी भी समय एंटी-शिप और लैंड अटैक मिसाइलें फायर कर सकते थे।

अगर ऑल-आउट नेवल अटैक होता तो क्या होता?

अगर ये आदेश दे दिया जाता तो भारतीय नौसेना का ये हमला युद्ध स्तर पर गिना जाता। यह सिर्फ एक सर्जिकल ऑपरेशन नहीं बल्कि एक पूर्ण सैन्य प्रतिक्रिया होती, जिससे भारत-पाकिस्तान के बीच मिलिट्री एस्केलेशन (सैन्य तनाव में तेजी) और बढ़ सकती थी।

वहीं, अगर ये हमले होते तो पाकिस्तानी नेवी के कई जहाज वहीं पोर्ट में डूब सकते थे, क्योंकि वो बाहर ऑपरेशनल पेट्रोलिंग पर नहीं थे। पाकिस्तान की नौसेना के फ्रिगेट्स और कोर्वेट्स जैसे फ्रंटलाइन जंगी जहाज पूरे संघर्ष के दौरान हार्बर के अंदर ही “बंद” पड़े रहे।

भारतीय नौसेना की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने उत्तरी अरब सागर में पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा। INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप और उसमें मौजूद मिग-29K फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान के दक्षिणी तट के हवाई क्षेत्र पर कब्जा जमाए रखा। सूत्रों ने बताया, “कैरियर बैटल ग्रुप की मौजूदगी ने पाकिस्तानी एयर असेट्स पर दबाव बनाए रखा, जिसके चलते समुद्र के ऊपर उनकी मौजूदगी लगभग न के बराबर थी।”

पाकिस्तानी सी ईगल को खदेड़ा गया

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव खत्म होने के कुछ दिन बाद, पाकिस्तानी नौसेना का एक RAS-72 सी ईगल, जो ATR-72 टर्बो-प्रॉप विमान का मैरीटाइम पैट्रोल वर्जन है, उसे INS विक्रांत बैटल ग्रुप ने ट्रैक किया था। सूत्रों ने बताया, “पाकिस्तान का यह अकेला सर्विलांस विमान जब समुद्र में निकला, तो उसे मिग-29K ने तुरंत ट्रैक किया और कुछ सौ मीटर की दूरी तक पहुंचकर उसे तट की ओर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया।” INS विक्रांत से उड़ान भरने वाले भारतीय नौसेना के मिग-29K ने पाकिस्तानी विमान के इतने करीब पहुंचकर उसे पीछे हटने पर मजबूर किया।

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ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हवाई और मिसाइल हमलों की एक सीरीज थी, जिसमें पाकिस्तान के कम से कम नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। सूत्रों के अनुसार, भारतीय नौसेना ने भले ही समुद्र से सीधे हमला नहीं किया, लेकिन जमीन से लॉन्च किए गए नौसेना के हथियार सिस्टम्स का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों और अन्य टारगेट्स को निशाना बनाया गया। हालांकि, इन हथियार सिस्टम्स की डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गईं।

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