महाराष्ट्र के कई शहरों मुंबई, सतारा, सांगली, अहिल्या नगर, बीड, और सोलापुर में भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के शहीदों को याद किया। सेना के खास तौर पर चुने गए जवानों ने शहीदों के घरों तक जाकर उनके परिवारों को सम्मानित किया। इस दौरान परिवारों को स्मृति चिन्ह और भारतीय सेना की ओर से एक धन्यवाद पत्र भी दिया गया, जिसमें उनके प्रियजनों की वीरता और बलिदान को याद किया गया...
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📍नई दिल्ली | 6 Jul, 2025, 6:33 PM

26th Kargil Vijay Diwas: 26वें कारगिल विजय दिवस की स्मृति में भारतीय सेना ने एक अनूठी और मानवीय पहल करते हुए देशभर में विशेष आउटरीच कार्यक्रम “शौर्य को सलाम, बलिदान को नमन” चला रही है। इस कार्यक्रम के तहत सेना के अधिकारी और जवान उन परिवारों तक पहुंचे, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपनों को खोया था। इन परिवारों को न सिर्फ सेना की ओर से एक विशेष स्मृति चिन्ह दिया गया, बल्कि एक व्यक्तिगत धन्यवाद पत्र भी सौंपा गया। इस अभियान का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना नहीं था, बल्कि यह दिखाने के लिए भी थी कि भारतीय सेना अपने वीरों और उनके परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है।

Kargil Vijay Diwas 2025: कारगिल विजय की 26वीं सालगिरह से पहले तोलोलिंग टॉप पर पहुंची भारतीय सेना, ऐसे दी वीरों को दी श्रद्धांजलि

26th Kargil Vijay Diwas: महाराष्ट्र में दी शहीदों को श्रद्धांजलि

महाराष्ट्र के कई शहरों मुंबई, सतारा, सांगली, अहिल्या नगर, बीड, और सोलापुर में भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के शहीदों को याद किया। सेना के खास तौर पर चुने गए जवानों ने शहीदों के घरों तक जाकर उनके परिवारों को सम्मानित किया। इस दौरान परिवारों को स्मृति चिन्ह और भारतीय सेना की ओर से एक धन्यवाद पत्र भी दिया गया, जिसमें उनके प्रियजनों की वीरता और बलिदान को याद किया गया।

26th Kargil Vijay Diwas: Indian Army Visits Homes of Martyrs in Maharashtra, Delhi & Gujarat to Honour Their Sacrifice
Pic Source: Indian Army

इस अभियान के दौरान सेना के अधिकारियों ने कैप्टन हनीफ-उद-दीन (वीर चक्र, 11 राजपुताना राइफल्स) के मुंबई स्थित घर पहुंचकर परिवार को सम्मानित किया। उनकी मां हुमा बेगम ने कहा कि यह उनके लिए बेहद गर्व का पल है। उन्होंने बताया कि कैप्टन हनीफ की शहादत देश के लिए थी, और सेना इस कदम उनकी याद ताजा हो गई।

इसी तरह सतारा में 110 इंजीनियर रेजिमेंट के सूबेदार कृष्णन नारायण के परिवार से मिलकर सेना ने उनकी बहादुरी की कहानी सुनाई। उनके भाई ने कहा, “सेना का हमारे घर आना और भाई को याद करना हमें बहुत सुकून देता है।” वहीं, सांगली में 7 मराठा के हवलदार सुरेश गणपति और 5 पैरा (स्पेशल फोर्स) के पैराट्रूपर महादेव नानदेव पाटिल के परिवारों को सम्मानित किया गया। उनकी परिवारों ने सेना के इस प्रयास को दिल से सराहा और कहा कि यह सम्मान उनकी शहादत को और खास बनाता है। बीड में 18 गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन सनप सुभाष के घर पर सेना ने उनकी वीरता की कहानी साझा की। उनके पिता ने कहा कि यह सम्मान उनके परिवार के लिए गर्व का पल है। सोलापुर में 108 इंजीनियर रेजिमेंट के सैपर देशमुख सुरेश का परिवार इस दौरान भावुक हो गया। इसके अलावा अहिल्या नगर में भी सेना ने शहीदों के परिवारों से मुलाकात की और उनकी वीरता को याद किया।

दिल्ली-एनसीआर में भी शहीदों के घर पहुंची सेना

दिल्ली-एनसीआर में भी भारतीय सेना ने कारगिल शहीदों को याद किया। सेना के जवान शहीदों के घरों तक गए और उनके परिवारों को स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र भेंट किए।

Pic Source: Indian Army

सेना के अधिकारी पालम में 18 ग्रेनेडियर्स के मेजर आर.एस. अधिकारी (महावीर चक्र) के परिवार से मिले और उनकी वीरता को सलाम किया। वसुंधरा एन्क्लेव में 17 जाट रेजिमेंट के कैप्टन अनुज नैयर (महावीर चक्र) के घर पर सेना ने उनकी शहादत की कहानी सुनाई। द्वारका में मेजर सीबी द्विवेदी (सेना मेडल, 315 फील्ड रेजिमेंट), लांस नायक मंगत सिंह (मेनशन इन डिस्पैचेस, 18 गढ़वाल राइफल्स), हवलदार ताम बहादुर छेत्री (सेना मेडल, 1 नागा), राइफलमैन अनुसूया प्रसाद (वीर चक्र, 18 गढ़वाल राइफल्स), पंजाबी बाग में कैप्टन अमित वर्मा (9 महार), नोएडा में कैप्टन कनाड भट्टाचार्य (सेना मेडल, 8 सिख) और मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में लांस नायक बचन सिंह (2 राजपुताना राइफल्स) के घर पहुंचे।

इन सभी स्थानों पर भारतीय सेना ने न सिर्फ स्मृति चिन्ह और पत्र सौंपे, बल्कि हर परिवार के समक्ष शहीद की कहानी और वीरता को सुनाकर भावनात्मक माहौल बना दिया। कई परिवारों की आंखें नम हो गईं, पर चेहरे पर गर्व स्पष्ट दिख रहा था।

गुजरात में कारगिल शहीदों को किया नमन

गुजरात के खेड़ा, आर्योली, पंचमहल, और जामनगर में भी सेना ने कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सेना के जवान शहीदों के घरों तक गए और उनके परिवारों को स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र भेंट किए। गुजरात के खेड़ा, अरावली, पंचमहल और जामनगर जिलों में सेना के अधिकारियों ने स्थानीय शहीदों के परिवारों से मिलकर उन्हें सम्मानित किया।

Pic Source: Indian Army

खेड़ा में 12 महार रेजिमेंट के सिपाही दिनेश भाई भोंगी, अरावली में हवलदार कांती भाई कटवाल, जामनगर में 141 फील्ड रेजिमेंट के गनर रमेश कुमार जोगल और पंचमहल में 12 महार के सिपाही बल्ला भाई बारिया के घर जाकर उन्हें भारतीय सेना की ओर से विशेष स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र सौंपा गया।

इन मुलाकातों में सेना अधिकारियों ने शहीदों के बलिदान की पूरी कहानी सुनाई। जिसे परिवार वालों ने गर्व के साथ सुना, और कहा कि उन्हें खुशी है कि इतने सालों बाद भी देश उनकी कुर्बानी को याद कर रहा है।

इस आउटरीच कार्यक्रम का मकसद कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देना और उनके परिवारों को यह दिखाना था कि सेना उनके साथ हर कदम पर है। सेना ने साफ किया कि यह सम्मान समारोह सिर्फ औपचारिकता नहीं हैं, बल्कि यह एक गहरा संदेश है कि शहीदों की वीरता और उनके परिवारों का बलिदान देश के लिए अमूल्य है।

Kargil Vijay Diwas 2025: इस साल कारगिल दिवस की थीम है “शौर्य को सलाम, बलिदान को नमन, 545 शहीदों के घर पहुंचेगी सेना

1999 का कारगिल युद्ध भारत के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा। इस युद्ध में सैकड़ों सैनिकों ने अपनी जान दी, और उनके बलिदान ने देश को एकजुट किया। हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, और इस बार 26वें साल में यह आउटरीच कार्यक्रम खास था। सेना ने न केवल शहीदों को याद किया, बल्कि उनके परिवारों को यह भरोसा भी दिलाया कि वे अकेले नहीं हैं।

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