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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम नागरिकों की मौत के बाद भारत ने अपनी सैन्य तैयारी तेज़ कर दी है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस हमले की साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया है। राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में यह ड्रिल बुधवार रात 9:30 बजे से शुरू होकर गुरुवार तड़के 3 बजे तक चलेगी...
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📍जयपुर | 3 months ago

India-Pak Tensions: उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे पर अपनी ताकत दिखाने के बाद भारतीय वायुसेना (आईएएफ) बुधवार को राजस्थान में पाकिस्तान के साथ लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करने जा रही है। मंगलवार शाम को जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM- Notice to Airmen) के अनुसार, यह अभ्यास बुधवार रात 9:30 बजे शुरू होगा और गुरुवार तड़के 3 बजे तक चलेगा। यह कवायद ऐसे समय में हो रही है, जब पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

India-Pak Tensions: भारत का कड़ा रुख

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत (India-Pak Tensions) ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के दोषियों और इसके पीछे के षड्यंत्रकारियों को “धरती के किसी भी कोने में ढूंढकर सजा देने” की कसम खाई है। उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ बैठक की, जिसमें सीमा पर सुरक्षा और संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि यह सैन्य अभ्यास भारत की युद्धक तैयारियों को परखने और पाकिस्तान को साफ संदेश देने का हिस्सा है।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (India-Pak Tensions) ने सभी राज्यों को बुधवार को सिविल डिफेंस ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने “नए और जटिल खतरों” का हवाला देते हुए कहा कि देश को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। इस ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी, ब्लैकआउट उपाय, बंकरों की जांच, निकासी अभ्यास, संचार ड्रिल और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को छिपाने जैसे कई गतिविधियां शामिल होंगी।

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क्या है यह सैन्य अभ्यास?

न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से वायुसेना (India-Pak Tensions) के अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास होगा। इसमें वायुसेना के सभी टॉप फाइटर जेट जैसे राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 शामिल होंगे। NOTAM के अनुसार, यह कवायद 7 मई को दोपहर 3:30 बजे शुरू होगी और 8 मई को रात 9:30 बजे तक चलेगी। इस दौरान प्रभावित क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि यह अभ्यास नियमित ऑपरेशनल (India-Pak Tensions) तैयारियों का हिस्सा है, लेकिन मौजूदा तनाव के बीच इसका महत्व और बढ़ गया है। इस ड्रिल का उद्देश्य वायुसेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता, सामरिक युद्ध कौशल और सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी को परखना है। अभ्यास में कम ऊंचाई पर उड़ान, हवाई युद्धाभ्यास और लक्ष्य पर सटीक हमले जैसे कई ऑपरेशन शामिल होंगे।

भारत हर जवाब के लिए तैयार

यह अभ्यास भारत की सैन्य ताकत और उसकी रणनीतिक तैयारियों (India-Pak Tensions) का प्रदर्शन है। राजस्थान की सीमा पर होने वाला यह ड्रिल न केवल वायुसेना की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास पाकिस्तान (India-Pak Tensions) को यह संदेश देता है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि जरूरत पड़ने पर त्वरित और निर्णायक कार्रवाई भी कर सकता है। इसके अलावा, यह ड्रिल वायुसेना के पायलटों और ग्राउंड क्रू की दक्षता को और निखारने का अवसर प्रदान करेगी।

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उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे पर वायुसेना की कवायद

हाल ही में, 2 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे (India-Pak Tensions) पर एक और महत्वपूर्ण अभ्यास किया था। इस अभ्यास में वायुसेना ने 3.5 किलोमीटर लंबे हवाई पट्टी पर टेक-ऑफ और लैंडिंग का प्रदर्शन किया। इस ड्रिल का उद्देश्य युद्ध या राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान वैकल्पिक रनवे के रूप में इस एक्सप्रेसवे की क्षमता को परखना था।

इस अभ्यास में राफेल, जगुआर और मिराज जैसे एडंवास लड़ाकू और परिवहन विमानों (India-Pak Tensions) ने हिस्सा लिया था। यह भारत का पहला रोड रनवे है, जो दिन और रात दोनों समय लड़ाकू विमानों की लैंडिंग के लिए उपयुक्त है। इसके लिए उन्नत प्रकाश व्यवस्था और नेविगेशन सिस्टम लगाए गए थे। हवाई पट्टी के दोनों ओर 250 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे।

गंगा एक्सप्रेसवे, जो मेरठ को प्रयागराज से जोड़ता है, 594 किलोमीटर लंबा है। इस अभ्यास के लिए वायुसेना ने हवाई पट्टी का ऑपरेशनल कंट्रोल अपने हाथ में लिया था, जिसमें उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीईआईडीए) के अधिकारियों ने सहयोग किया। यह हवाई पट्टी उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद चौथा एक्सप्रेस-वे है, जिसे वायुसेना के ऑपरेशनल जरूरतों को देखते हुए डिजाइन किया गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर सिविल डिफेंस ड्रिल

सैन्य अभ्यास के साथ-साथ, भारत बुधवार को राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस ड्रिल (India-Pak Tensions) भी आयोजित करेगा। यह ड्रिल देश की शत्रुतापूर्ण हमलों से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन करेगी। इसमें गांव स्तर तक विभिन्न गतिविधियां शामिल होंगी, जैसे हवाई हमले की सायरन, ब्लैकआउट उपाय, बंकरों की जांच, निकासी अभ्यास और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को छिपाने की प्रक्रिया। यह ड्रिल नागरिकों और प्रशासन को आपात स्थिति में समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार करने में मदद करेगी।

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सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अभ्यास न केवल सैन्य बलों की दक्षता बढ़ाते हैं, बल्कि आम नागरिकों में भी सुरक्षा और विश्वास का भाव पैदा करते हैं। यह अभ्यास भारत की रक्षा नीति का हिस्सा है, जो न केवल रक्षात्मक, बल्कि जरूरत पड़ने पर आक्रामक रुख अपनाने की क्षमता को भी दर्शाता है।

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