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📍नई दिल्ली | 8 Apr, 2025, 3:14 PM

Stolen Honor: हरियाणा के फरीदाबाद में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जिसने एक शहीद परिवार के जख्मों को फिर से हरा कर दिया। लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा, जिन्होंने देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी थी, उनके नाम पर बनाई गई सड़क का साइनबोर्ड चोरी हो गया।

Stolen Honor- Martyr’s Road Sign Missing in Faridabad, Family Seeks Justice

Stolen Honor: आर्मी एविएशन कोर में पायलट थे लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा

लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा आर्मी एविएशन कोर में पायलट थे। 26 जनवरी 2021 को, गणतंत्र दिवस की नाइट पेट्रोलिंग के दौरान हेलिकॉप्टर मिशन पर थे। तकनीकी खराबी की वजह से उनका रुद्र हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अंतिम क्षणों में भी उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हेलिकॉप्टर गांव की आबादी से दूर गिरे, ताकी जमीन पर किसी की जान न जाए। उनके साथ मिशन में एक कैप्टन भी थे, जो हादसे में बाल-बाल बच गए, लेकिन ऋषभ देश के लिए शहीद हो गए।

उनके माता-पिता, डॉ. कल्पना और डॉ. राजिंदर शर्मा, और उनकी पत्नी राधा शर्मा ने सालों तक फरीदाबाद नगर निगम से गुहार लगाई कि उनके बेटे और पति की याद में एक सड़क का नाम रखा जाए। यह उनके लिए सिर्फ एक बोर्ड नहीं, बल्कि उस शहादत का सम्मान था, जो ऋषभ ने देश को दिया। कई कोशिशों और कई पत्र भेजने के बाद निगम के टालमटोल के बाद, आखिरकार 2024 की शुरुआत में इसकी मंजूरी मिली। लेकिन बोर्ड लगाने की प्रक्रिया में देरी होती रही। थक-हारकर परिवार ने खुद ही आगे बढ़कर यह कदम उठाया। 3 जुलाई 2024 को, लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ के जन्मदिन पर परिवार ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर और जरूरी अनुमति लेकर यह बोर्ड लगवाया। उनकी पत्नी राधा कहती हैं, “यह सम्मान तो सरकार को देना चाहिए था, लेकिन हमें खुद लड़ना पड़ा।”

लेकिन परिवार की खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी। कुछ दिन पहले जब वे उस सड़क से गुजरे, तो देखा कि बोर्ड गायब है। हैरानी की बात यह है कि यह जगह स्थानीय पुलिस स्टेशन से बस कुछ कदमों की दूरी पर थी। परिवार तुरंत पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन वहां जो जवाब मिला, वो हैरान करने वाला था। पहले तो पुलिस ने कहा कि शायद कोई हादसा हुआ होगा और बोर्ड टूटकर हटा लिया गया होगा। लेकिन परिवार ने आसपास पूछताछ की और कोई सुराग नहीं मिला। जिसके बाद पुलिस ने माना कि स्टील का बना यह बोर्ड चोरी हो गया है। एक सब-इंस्पेक्टर को जांच के लिए लगाया गया, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।

Lt Col Rishubh Sharma

ऋषभ का नौ साल का बेटा, जो अपने पिता को अपना हीरो मानता है, इस घटना से बेहद दुखी है। परिवार का कहना है कि यह बोर्ड सिर्फ एक स्टील का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उनके लिए ऋषभ की यादों का एक हिस्सा था। राधा पूछती हैं, “जो शख्स देश की हिफाजत करते हुए शहीद हुआ, क्या उसकी याद को भी चुराया जा सकता है? क्या हमारा सिस्टम इतना कमजोर है?”

वहीं, पुलिस का रवैया भी सवालों के घेरे में है। परिवार का कहना है कि जिस नाम पर गर्व होना चाहिए, उस नाम का सम्मान सार्वजनिक स्थान से इस तरह गायब हो जाना, वो भी बिना किसी जवाबदेही के, केवल चोरी नहीं बल्कि संवेदनहीनता दर्शाता है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम मामले की जांच कर रहे हैं, और एक सहायक सब-इंस्पेक्टर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।” उन्होंने यह भी वादा किया कि अगर बोर्ड नहीं मिला, तो वे इसे दोबारा लगवाने में मदद करेंगे। परिवार का कहना है कि पुलिस की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

लेकिन यह मामला सिर्फ एक बोर्ड का चोरी का नहीं है। यह उस सम्मान की बात है, जो एक शहीद को मिलना चाहिए। लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा ने अपनी जान देकर देश की सेवा की, लेकिन एक शहीद की धरोहर को भी सुरक्षित रखना मुश्किल हो रहा है।

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