📍नई दिल्ली | 12 May, 2025, 1:26 PM
Nur Khan Airbase: 10 मई 2025 की रात पाकिस्तान के लिए एक बुरे सपने की तरह थी, जब भारत ने रावलपिंडी के पास स्थित नूर खान एयरबेस या चकलाला एयरबेस को तबाह कर दिया। यह हमला न केवल पाकिस्तान के ‘दिल’ के पर चोट थी, बल्कि उसके सबसे बड़े साझेदार चीन को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इस दिल पर लगी चोट की वजह से ही पाकिस्तान घुटने पर आया और संघर्ष विराम के लिए मजबूर हुआ। यह हमला सिर्फ नूर खान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत ने 90 मिनट के भीतर पाकिस्तान के कई अन्य एयरबेस को भी निशाना बनाया।
सैन्य सूत्रों का कहना है कि यह एयरबेस पाकिस्तान की परमाणु रणनीति का एक बड़ा केंद्र माना जाता है। भारत ने इस हमले के जरिए न केवल पाकिस्तान की सैन्य ताकत को झकझोर दिया, बल्कि उसकी परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अब पाकिस्तान की हरकतों का जवाब सख्ती से देगा। इस हमले ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है और उसे अपनी रक्षा नीतियों पर फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
वहीं भारत ने इस हमले से दो बातें स्पष्ट कर दीं, पहली यह कि भारत आतंक के हर अड्डे को उसके गढ़ में घुसकर नष्ट करेगा, और दूसरी, अब पाकिस्तान की ‘परमाणु धमकी’ की ब्लफिंग काम नहीं करेगी।
Bahawalpur Strike: India Eliminates Top Terrorists in Precision Operation
Under #OperationSindoor, Indian forces carried out targeted strikes on terror camps in Bahawalpur, neutralizing several high-value militants. A powerful message from India—there’s no place for terror.… pic.twitter.com/6NQmOfDkCf— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) May 11, 2025
Nur Khan Airbase पर हमला: क्या हुआ?
10 मई की रात भारत ने एक सटीक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस हमले में रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया गया। यह बेस इस्लामाबाद के बेहद करीब है और कहा जाता है कि यहां पाकिस्तान ने अपने परमाणु जखीरे को रखा हुआ है। यह हमला इतना सटीक था कि नूर खान एयरबेस के कई अहम ढांचे मिनटों में तबाह हो गए। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस हमले में ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो अपनी सटीकता के लिए जाना जाती है औऱ किसी रडार सिस्टम की पकड़ में नहीं आती है।
लेकिन भारत का हमला सिर्फ नूर खान तक सीमित नहीं था। भारत ने एक के बाद एक कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें रफीकी एयरबेस (शोरकोट), मुरिद एयरबेस (पंजाब), सुक्कुर एयरबेस (सिंध), सियालकोट एयरबेस, सरगोधा एयरबेस, स्कर्दू एयरबेस, भोलारी एयरबेस (कराची के पास), जैकोबाबाद एयरबेस और पासरूर हवाई पट्टी शामिल थे। ये सभी हमले 90 मिनट के भीतर किए गए, जिसने पाकिस्तान की वायु सेना को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई में भारत ने न केवल पाकिस्तान के हमलों का जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तान की ओर से दागी गई 8 मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद भारत ने लाहौर और इस्लामाबाद में भी जवाबी कार्रवाई की।
नूर खान एयरबेस क्यों है इतना अहम?
नूर खान एयरबेस पाकिस्तान की सैन्य और परमाणु रणनीति का एक बड़ा केंद्र है। यह बेस रावलपिंडी में है, जो इस्लामाबाद से ज्यादा दूर नहीं है। इसकी खासियत यह है कि यह पाकिस्तान की सेना के मुख्यालय के करीब है। इस वजह से यह बेस सेना और वायु सेना के बीच तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, नूर खान एयरबेस पर कई अहम सैन्य उपकरण रखे गए थे। यहां पर साब एरियाई जैसे हवाई चेतावनी सिस्टम, C-130 ट्रांसपोर्टर विमान और IL-78 रिफ्यूलिंग विमान मौजूद थे। ये सिस्टम पाकिस्तान की वायु सेना के लिए बहुत जरूरी हैं, क्योंकि ये निगरानी, सामान ढोने और विमानों को हवा में ईंधन भरने का काम करते हैं। यह बेस न सिर्फ वीआईपी ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स का मुख्य अड्डा है, बल्कि यहां से एयर मोबिलिटी कमांड और ड्रोन ऑपरेशंस का संचालन भी होता है। यही वह स्थान है जहां से शाहपर-I और तुर्की निर्मित बैरक्तार TB2 ड्रोन उड़ाए जाते थे, जो हाल ही में भारत के खिलाफ हमलों में इस्तेमाल हुए।
नूर खान बेस का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से जुड़ा हुआ है। यहां पर परमाणु हथियार रखे जाते हैं। इस बेस पर परमाणु हथियारों से लैस विमानों को तैनात किया जाता है, जो भारत के खिलाफ पाकिस्तान की परमाणु रणनीति का हिस्सा हैं। इसके अलावा, यह बेस इस्लामाबाद और रावलपिंडी के करीब होने की वजह से पाकिस्तान की त्वरित प्रतिक्रिया रणनीति में अहम भूमिका निभाता है।
सूत्रों ने बताया कि नूर खान बेस का इस्तेमाल बड़े नेताओं और वीआईपी लोगों को ले जाने वाले विमानों के लिए भी होता था। यहाँ पर खास पायलटों को ट्रेनिंग दी जाती थी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जैसे लोग इस बेस से अपने विमानों का इस्तेमाल करते थे। इतना ही नहीं, यह बेस सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भी शामिल था।
पाकिस्तान आया घुटनों पर
इस हमले ने पाकिस्तान को कई तरह से नुकसान पहुंचाया। सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि नूर खान एयरबेस के नष्ट होने से पाकिस्तान की वायु सेना और सेना के बीच का संपर्क टूट गया। यह बेस पाकिस्तान की वायु सेना की रीढ़ की हड्डी माना जाता था। इसके तबाह होने से पाकिस्तान के एयर डिफेंस और जवाबी हमले करने की क्षमता पर बड़ा असर पड़ा। नूर खान एयर बेस पर परमाणु हथियारों से लैस मिराज-5 विमानों को तैनात करने की क्षमता है, जो भारत के खिलाफ पाकिस्तान की परमाणु प्रतिरोधक रणनीति का हिस्सा हैं।
दूसरा, इस हमले ने पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम को तार-तार कर दिया। नूर खान एयरबेस की सुरक्षा में चीनी रडार तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन भारतीय हमले ने स्पष्ट कर दिया कि HQ-9 जैसे चीनी सिस्टम भारतीय मिसाइलों के सामने बेकार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि “यह हमला चीन के लिए भी शर्मनाक है क्योंकि उसकी टेक्नोलॉजी पाकिस्तान के लिए ढाल नहीं बन सकी।”
तीसरा, इस हमले ने पाकिस्तान की सैन्य छवि को बड़ा नुकसान पहुंचाया। पाकिस्तान हमेशा से खुद को भारत के बराबर की सैन्य ताकत बताता रहा है, लेकिन इस हमले ने उसकी इस छवि को तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में नूर खान एयरबेस के जलते ढांचे साफ दिख रहे थे। पाकिस्तान की सेना ने दावा किया कि उसने भारत के हमले को रोक लिया, लेकिन इन तस्वीरों ने उसके दावों की पोल खोल दी।
पाकिस्तान में आम लोगों ने भी अपनी सेना का मजाक उड़ाया। सोशल मीडिया पर लोग मीम्स और वीडियो शेयर कर रहे थे, जिनमें वे सेना के झूठे दावों की हंसी उड़ा रहे थे। इससे पाकिस्तान की सेना को अपने ही देश में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
पाकिस्तान के अन्य सैन्य ठिकानों का हाल
पाकिस्तान के पास कई ऐसे सैन्य ठिकाने हैं, जो परमाणु हथियारों से जुड़े हैं। नूर खान एयरबेस के अलावा भारत ने कई अन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया। वाह कैंट में पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को भी निशान बनाया गया, जो परमाणु हथियार बनाने का एक बड़ा केंद्र है। यहां पर परमाणु हथियारों के लिए जरूरी सामान तैयार किया जाता है। वहीं, हरिपुर में तरनावा मिसाइल कॉम्प्लेक्स को निशाना बनाया, यह जगह मिसाइलों और परमाणु हथियारों को बनाने और उनकी टेस्टिंग के लिए जानी जाती है।