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📍नई दिल्ली | 8 Nov, 2024, 6:46 PM

Pantsir air defence missile-gun system: गोवा। भारत की रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) ने रूस की सरकारी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (ROE) के साथ पैंट्सिर वेरिएंट्स और एयर डिफेंस मिसाइल-गन सिस्टम के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सामरिक रक्षा सहयोग को और मजबूत करने का लक्ष्य है।

यह MoU गोवा में आयोजित पांचवें IRIGC उपसमूह की बैठक के दौरान BDL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, कमोडोर ए. माधवराव (सेवानिवृत्त) और रूस के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (नेवल डिपार्टमेंट), कोवालेन्को जर्मन के बीच संपन्न हुआ। यह साझेदारी भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

Bharat Dynamics Limited and Rosoboronexport(ROE),Russia entered into MoU for cooperation on Pantsir variants,air defence missile-gun system
Bharat Dynamics Limited and Rosoboronexport(ROE),Russia entered into MoU for cooperation on Pantsir variants,air defence missile-gun system.

 

भारत-रूस रक्षा सहयोग का एक नया अध्याय

इस MoU पर हस्ताक्षर के बाद, कमोडोर माधवराव ने कहा, “यह साझेदारी भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक संबंधों को एक नई दिशा देने का कार्य करेगी। पैंट्सिर एयर डिफेंस सिस्टम का विकास दोनों देशों के साझा रक्षा उद्देश्यों की पूर्ति में महत्वपूर्ण साबित होगा।”

रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के उपमहानिदेशक कोवालेन्को जर्मन ने भी इस समझौते पर खुशी जताते हुए कहा कि “भारत के साथ यह सहयोग हमारी रक्षा साझेदारी को और गहरा बनाएगा और हमें भारतीय रक्षा जरूरतों को बेहतर ढंग से समझने और पूरा करने में मदद करेगा।”

क्या पैंट्सिर एयर डिफेंस सिस्टम

पैंटसिर एक अत्याधुनिक मिसाइल और गन प्रणाली है जो हवा से होने वाले खतरों को रोकने के लिए बनाई गई है। यह प्रणाली ड्रोन, हेलिकॉप्टर, लड़ाकू विमान और क्रूज मिसाइल जैसे खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। पैंटसिर की विशेषता है कि इसमें मिसाइल और गन दोनों शामिल हैं, जो इसे बेहद प्रभावी बनाती हैं।

भारत के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?

देश की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य के खतरों से निपटने के लिए पैंटसिर जैसे एयर डिफेंस सिस्टम का होना जरूरी है। यह करार भारत को न सिर्फ अपने रक्षा तंत्र को मजबूती देने में मदद करेगा बल्कि देश की स्वदेशी उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा देगा।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मिलेगा बल

यह साझेदारी भारत में मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सहायक होगी। भारत डायनामिक्स लिमिटेड इस समझौते के जरिए देश में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को स्थापित करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत नींव तैयार करेगा।

भारत-रूस के दीर्घकालिक संबंधों में एक और कदम

यह करार भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे रक्षा सहयोग का हिस्सा है। इस MoU के तहत भारत डायनामिक्स लिमिटेड को रूस से तकनीकी सहायता मिलेगी जिससे वह इस उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम के कुछ हिस्सों को भारत में ही विकसित कर सकेगा। यह “मेक इन इंडिया” पहल को भी बढ़ावा देगा और भारत की आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाएगा।

आगे की राह

यह समझौता भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूती देगा और भारतीय सेना को अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम से सुसज्जित करने के दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। दोनों देशों के बीच इस साझेदारी से न केवल रक्षा में तकनीकी उन्नति होगी, बल्कि भविष्य में नए अवसरों और क्षेत्रों में भी सहयोग के रास्ते खुलेंगे।

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