रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.5 mintue

📍नई दिल्ली | 8 months ago

India-China Border Dispute: एक महीने पहले भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनावपूर्ण क्षेत्रों में सैनिकों के हटने की सहमति बनी थी। इसके बाद, डेमचोक और डेपसांग मैदान जैसे संवेदनशील इलाकों में हालात में सुधार देखा गया है। दोनों देशों की सेनाओं ने इन क्षेत्रों में अस्थायी ढांचे हटा दिए हैं और अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करने के लिए पेट्रोलिंग फिर से शुरू कर दी है।

India-China Border Dispute: Rajnath Singh to Hold Key Talks with Chinese Defence Minister

बातचीत से तनाव में कमी

गालवान घाटी में 2020 के संघर्ष के बाद से, सीमा पर तनाव कम करने के प्रयास जारी थे। इस दिशा में, दोनों देशों की सेनाओं ने हाल ही में एक नया कदम उठाया है। नवंबर की शुरुआत में पहली बार जॉइंट पेट्रोलिंग की गई, जिसमें भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक ही क्षेत्र में अलग-अलग समय पर गश्त की। यह कदम सीमा पर स्थिरता बनाए रखने और संघर्ष टालने की दिशा में बड़ा बदलाव है।

यह भी पढ़ें: India-China Relations: सीमा विवाद के बाद पहली बार मिलेंगे राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष

स्थानीय कमांडरों के बीच नियमित संवाद स्थापित किया गया है, जो इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति को रोकने में मदद कर रहा है। यह संवाद पिछले चार वर्षों के तनावपूर्ण माहौल से बिलकुल अलग है और दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है।

राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री की अहम बैठक

वहीं, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष की आगामी मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यह बैठक 20-22 नवंबर 2024 को लाओस की राजधानी वियनतियाने में आयोजित ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) के दौरान होगी। यह दोनों नेताओं की पहली बातचीत होगी, जब से सैनिकों के हटने का समझौता हुआ है।

यह भी पढ़ें:  Indian Air Force: पूर्व वायुसेना ग्रुप कैप्टन की चेतावनी; अगले 3-4 दशकों तक चीन को युद्ध में नहीं हरा सकता भारत, बताई ये बड़ी वजह

यह बैठक इस बात का संकेत है कि दोनों देश तनाव कम करने और सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत को प्राथमिकता दे रहे हैं। सिंह इस मौके का इस्तेमाल क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए करेंगे। साथ ही, वह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ भी बातचीत करेंगे।

डिप्लोमैसी से बदलती तस्वीर

हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष के बीच भी बातचीत हुई थी। चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान बनी सहमतियों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है।

चार साल तक चले सैन्य गतिरोध के बाद, हाल ही में गुए बदलावों से उम्मीद जगी है कि सीमा पर स्थिरता बहाल होगी और तनावव में कमी आएगी। सैनिकों की गश्त में पारदर्शिता और समन्वय से तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

ADMM-Plus की अहमियत

ADMM-Plus भारत और ASEAN देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण मंच है। 1992 से भारत ASEAN का डायलॉग पार्टनर है और 2010 से इस मंच में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस बैठक के दौरान, भारत क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर अपनी भूमिका को मजबूत करेगा और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के अपने प्रयासों को रेखांकित करेगा।

दुनिया की टिकीं नजरें

लाओस में होने वाली चर्चाओं पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। सवाल यह है कि LAC पर हालिया प्रगति क्या लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने की दिशा में नया अध्याय लिख सकती है? राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री के बीच संवाद इस दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।

यह भी पढ़ें:  Aksai Chin: अक्साई चिन पर भारत के दावे से घबराया ड्रैगन, गुपचुप दो प्रांतों में बांटने का चला दांव, ये है चीन की रणनीति

सीमा पर सैनिकों की वापसी और समन्वित गश्त ने हालात में सुधार के संकेत दिए हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इन प्रयासों से भारत और चीन के बीच स्थायी समाधान की राह खुलेगी।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

Leave a Reply

Share on WhatsApp