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📍नई दिल्ली | 8 months ago

India-Australia Pact: ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करते हुए, दोनों देशों ने एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत ऑस्ट्रेलियाई रॉयल एयर फोर्स (RAAF) और भारतीय सशस्त्र बल अब एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (वायु-से-वायु ईंधन भरने) का संचालन करेंगे। यह कदम दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

India-Australia Pact: Royal Australian Air Force and Indian Air Force Sign Key Agreement for Air-to-Air Refueling of Each Other’s Aircraft

21 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के रक्षा उद्योग और क्षमता वितरण मंत्री, माननीय पैट कोंरॉय MP और भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस समझौते की घोषणा की। इस समझौते के तहत, RAAF का एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग विमान, KC-30A मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट, भारतीय सशस्त्र बलों के विमानों को रिफ्यूलिंग करने में सक्षम होगा।

ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर वाइस मार्शल हार्वी रेनॉल्ड्स ने 19 नवंबर को नई दिल्ली में हुए ऑस्ट्रेलिया-भारत एयर स्टाफ वार्ता के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। एयर वाइस मार्शल रेनॉल्ड्स ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा।

उन्होंने कहा, “भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक शीर्ष सुरक्षा साझेदार है, और हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत हम ऐसे व्यावहारिक और ठोस सहयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो सीधे तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता में योगदान करता है।”

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“एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग की क्षमता भारतीय सशस्त्र बलों के साथ हमारी इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाती है और हमें विभिन्न परिदृश्यों में अधिक प्रभावी रूप से सहयोग करने का अवसर देती है।”

इस समझौते को महत्वपूर्ण कदम मानते हुए, उन्होंने कहा, “यह समझौता हमारे भारत के साथ रिश्ते को और आगे बढ़ाएगा और हमारे कर्मचारियों को करीबी सहयोग, ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करने, विश्वास और समझ बनाने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।”

RAAF भारतीय नौसेना के P-8I नेप्च्यून निगरानी विमान के साथ भी प्रशिक्षण और सहयोग गतिविधियाँ आयोजित करता है। इस समझौते के तहत, KC-30A विमान P-8I को रिफ्यूल करेगा, जिससे भारत की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहुंच और स्थायित्व बढ़ेगा।

भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह रक्षा सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग की क्षमता भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए नए अवसर खोलती है, जिससे वे लंबे समय तक और अधिक प्रभावी ढंग से अभियानों का संचालन कर सकते हैं।

इस समझौते के माध्यम से, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग एक नई दिशा में आगे बढ़ेगा। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच इस प्रकार के समझौतों से न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती मिलती है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए एक साझी प्रतिबद्धता भी मजबूत होती है।

इस महत्वपूर्ण समझौते के साथ, भारत और ऑस्ट्रेलिया अब और अधिक समन्वय से काम करेंगे, और उनके सैन्य बल वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे।

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