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📍नई दिल्ली | 6 months ago

ALH Dhruv: भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल के लिए अहम भूमिका निभाने वाले एडवांस लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव की 330 हेलिकॉप्टरों वाला फ्लीट पिछले 15 दिनों से ग्राउंडेड है। वहीं, ध्रुव के ग्राउंड होने फैसले से आर्म्ड फोर्सेस की ऑपरेशनल क्षमताओं पर भी गहरा असर पड़ा है। देश के रक्षा सचिव आरके सिंह ने इसे ‘आर्म्ड फोर्सेस के लिए एक बड़ा झटका’ करार दिया है।

ALH Dhruv Grounding a 'Major Setback' for Armed Forces: Defence Secretary
Defence Secretary Rajesh Kumar Singh

सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए रक्षा सचिव ने बताया कि 15 दिनों से जारी सुरक्षा जांच के कारण ध्रुव हेलिकॉप्टर इस साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हो पाएगा। यह फैसला 5 जनवरी को गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर तटरक्षक बल के एक ध्रुव एमके III हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लिया गया, जिसमें तीन कर्मियों की मौत हो गई थी। इस बार एएलएच बेड़ा गणतंत्र दिवस परेड के फ्लाईपास्ट का हिस्सा बनने वाला था।

आरके सिंह ने कहा, “ध्रुव हेलिकॉप्टर बेड़े की ग्राउंडिंग से ऑपरेशन्स में कुछ दिक्कतें आई हैं। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) फिलहाल उसकी सुरक्षा जांच में जुटा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा। हालांकि, यह तय है कि यह बेड़ा गणतंत्र दिवस परेड तक संचालन में वापस नहीं आएगा।”

साथ ही, रक्षा सचिव ने यह भी बताया कि इस बार परेड में 39 विमान हिस्सा लेंगे और 12 फॉर्मेशंस बनाई जाएंगे। उन्होंने बताया कि कुल 77,000 लोग इस बार रिपब्लिक डे की परेड को देखेंगे, जिनमें 32,000 लोग टिकट खरीद चुके हैं।

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वहीं, ध्रुव हेलिकॉप्टर (ALH Dhruv) के ग्राउंड होने आर्म्ड फोर्सेज की चुनौतियां बढ़ गई हैं। सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल बड़े स्तर पर अपने ऑपरेशंस के लिए करते रहे हैं। लेकिन इसके ग्राउंड होने के बाद उन्हें दूसरे  हेलिकॉप्टरों पर निर्भर होना पड़ रहा है।

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सेना के एक अधिकारी ने इसे “गंभीर स्थिति” बताते हुए कहा कि ध्रुव हेलिकॉप्टर की गैरमौजूदगी ने लॉजिस्टिक्स, सैनिकों की आवाजाही और नियमित अभियानों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “हमने अन्य हेलिकॉप्टरों का सहारा लिया है, लेकिन ध्रुव हेलिकॉप्टर के न होने से ऑपरेशनल एफिशिएंसी पर सीधा असर पड़ रहा है।”

वहीं, नौसेना और तटरक्षक बल भी ध्रुव री ग्राउंडिंग से प्रभावित हुए हैं। समुद्री खोज और बचाव अभियानों तथा गश्ती संचालन में रुकावट आई है। ध्रुव हेलिकॉप्टर का उपयोग निगरानी से लेकर मानवीय सहायता तक, कई तरह के मिशनों के लिए किया जाता है।

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब ध्रुव हेलिकॉप्टर बेड़े को इस तरह से ग्राउंड करना पड़ा हो। 2023 में भी नौसेना के एक दुर्घटना के बाद बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंड किया गया था। तब दिक्कतों का समाधान करने के बाद हेलिकॉप्टरों को फिर से ऑपरेशन में लाया गया था।

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हालांकि, इस बार सुरक्षा जांच अभी पूरी नहीं हुई है और HAL ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी। इस बार की ग्राउंडिंग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ध्रुव जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म की मेंटेनेंस प्रोटोकॉल को और मजबूत करने और सुरक्षा जांच के लिए समय सीमा तय करने की आवश्यकता है।

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सेना के के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारे लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि हमारी क्षमता और ऑपरेशन किसी भी तकनीकी कमी के चलते प्रभावित न हो। इससे सीख लेकर हमें अपने प्रोटोकॉल और प्रणालियों को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना होगा।”

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इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA तेजस और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव और रुद्र शामिल नहीं होंगे। तेजस को परेड में शामिल न करने का निर्णय भारतीय वायुसेना की नई नीति के तहत लिया गया है, जिसमें सिंगल-इंजन जेट्स को परेड के फ्लाईपास्ट से दूर रखने का प्रावधान है।

इसके साथ ही, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) का पूरा बेड़ा हाल ही में हुई दुर्घटनाओं के बाद फ्लाइट सेफ्टी जांच के कारण ग्राउंड कर दिया गया है। गौरतलब है कि ALH ध्रुव और रुद्र ने इसी महीने 15 जनवरी को आयोजित सेना दिवस परेड में भी हिस्सा नहीं लिया था। परेड में इनकी जगह चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया था।

सेना प्रमुख ने कही थी ये बात

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पुणे में आयोजित 77वें सेना दिवस परेड के दौरान ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर को लेकर कहा था, “ध्रुव हेलीकॉप्टर ने 2023-24 में 40,000 घंटे से अधिक की उड़ान भरी है, और इस दौरान केवल एक बार तकनीकी गड़बड़ी हुई। यह हेलीकॉप्टर 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई वाले कठिन इलाकों में सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। हमें इस प्लेटफॉर्म पर 100% भरोसा है।”

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