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📍नई दिल्ली | 6 months ago

INS Tushil: भारतीय नौसेना के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तुशील ने हाल ही में नामीबिया के वाल्विस बे का दौरे पर पहुंचा था। भारतीय नौसेना के लिए यह दौरा इसलिए भी एतिहासिक रहा, क्योंकि तुशील ने पहली बार अफ्रीका के पश्चिमी तट पर पेट्रोलिंग करते हुए खाड़ी ऑफ गिनी को सफलतापूर्वक पार किया। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और नामीबिया के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करना और साझा खतरों से निपटने के लिए आपसी समझ को बढ़ाना था।

INS Tushil Visits Namibia's Walvis Bay, Strengthens Maritime Ties

INS तुशील (INS Tushil) की इस यात्रा के दौरान भारतीय और नामीबियाई नौसेना के बीच कई आधिकारिक, पेशेवर और खेल संबंधी गतिविधियां आयोजित की गईं। जहाज के कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन पीटर वर्गीस ने वाल्विस बे की उप-मेयर सारा न्डापेवोशाली म्यूटोंडोका और नामीबियाई नौसेना के कमांडर रियर एडमिरल एरेटस लाजरुस से मुलाकात की। इ

इस यात्रा के दौरान दोनों नौसेनाओं ने ऑपरेशनल प्लानिंग, क्रॉस-विज़िट्स, और विशेषज्ञों के बीच विचारों के आदान-प्रदान जैसे कई प्रोफेशनल कार्यक्रमों में भाग लिया। इसके साथ ही, INS तुशील के क्रू और नामीबियाई नौसेना के सदस्यों के बीच एक फ्रेंडली वॉलीबॉल मैच और एक जॉइंट योगा सेशन भी आयोजित किया गया।

INS Tushil Visits Namibia's Walvis Bay, Strengthens Maritime Ties

INS Tushil ने अपने आउटरीच कार्यक्रम के तहत वाल्विस बे के निवासियों के लिए अपने दरवाजे खोले। स्थानीय समुदाय को भारतीय नौसेना के इस आधुनिक युद्धपोत की क्षमताओं को देखने और समझने का अनूठा मौका मिला। इस पहल ने भारतीय नौसेना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने में मदद की।

INS तुशील की यह यात्रा के जरिए भारतीय नौसेना ने यह संदेश दिया कि वह वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अफ्रीका के पश्चिमी तट पर गश्त और नामीबियाई नौसेना के साथ साझा अभ्यास ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई ऊंचाई दी।

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INS तुशील की इस यात्रा ने भारत और नामीबिया के संबंधों को मजबूत किया है और भविष्य में दोनों देशों के बीच और भी गहरे समुद्री सहयोग की नींव रखी है। इस ऐतिहासिक यात्रा के जरिए भारत ने यह साबित किया है कि वह अपने मित्र देशों के साथ सहयोग बढ़ाने और वैश्विक स्थिरता में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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