रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
सेना के कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स से ताल्लुक रखने वाले मेजर राजप्रसाद के तीन इनोवेशंस ‘अग्निअस्त्र’, ‘शत्रुनाश’, और पहले से इंडक्टेड ‘विद्युत रक्षक- IoT एनेबल्ड जेनरेटर मॉनिटरिंग प्रोटेक्शन एंड कंट्रोल सिस्टम’ को भारतीय सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है। ये सभी इनोवेशंस न केवल तकनीकी रूप से एडवांस हैं, बल्कि युद्ध और आपदा राहत कार्यों में भी बेहद उपयोगी हैं...
Read Time 0.23 mintue

📍नई दिल्ली | 1 month ago

NSG International Seminar: भारतीय सेना के 7 इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर राजप्रसाद आरएस को आज नई दिल्ली में आयोजित नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) इंटरनेशनल सेमिनार में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन द्वारा प्रतिष्ठित “एनएसजी काउंटर आईईडी इनोवेटर अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके दो अत्याधुनिक इनोवेशंस ‘अग्निअस्त्र- मल्टी टारगेट पोर्टेबल रिमोट डेटोनेशन सिस्टम’ और ‘शत्रुनाश- हैंडहेल्ड ईएमपी गन’ के लिए दिया गया है। मेजर राजप्रसाद के इनोवेशंस ने भारतीय सेना की तकनीकी क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है और आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

सेना के कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स से ताल्लुक रखने वाले मेजर राजप्रसाद के तीन इनोवेशंस ‘अग्निअस्त्र’, ‘शत्रुनाश’, और पहले से इंडक्टेड ‘विद्युत रक्षक- IoT एनेबल्ड जेनरेटर मॉनिटरिंग प्रोटेक्शन एंड कंट्रोल सिस्टम’ को भारतीय सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है। ये सभी इनोवेशंस न केवल तकनीकी रूप से एडवांस हैं, बल्कि युद्ध और आपदा राहत कार्यों में भी बेहद उपयोगी हैं।

NSG International Seminar: अग्निअस्त्र: एक गेम-चेंजिंग डेटोनेशन सिस्टम

‘अग्निअस्त्र- मल्टी टारगेट पोर्टेबल रिमोट डेटोनेशन सिस्टम’ एक माइक्रोप्रोसेसर-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो वायर्ड और वायरलेस दोनों मोड्स में काम करता है। इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर तक है। इससे लंबी दूरी से कई टारगेट्स को एक साथ या अलग-अलग डेटोनेट किया जा सकता है। यह सिस्टम मैनुअली या अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (यूएवी) और अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल्स (यूजीवी) के जरिए डिप्लॉय किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल रूम इंटरवेंशन, रिमोट बंकर डिस्ट्रक्शन, और रिजर्व डेमोलिशन जैसे ऑपरेशंस में किया जा सकता है।

अग्निअस्त्र की खासियत यह है कि यह काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस और आईईडी डिस्ट्रक्शन में सैनिकों की जान का जोखिम कम करता है। यह सिस्टम पारंपरिक युद्ध और आतंकवाद विरोधी मिशनों में एक स्ट्रैटेजिक एडवांटेज प्रदान करता है। मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित ‘एक्सरसाइज भारत शक्ति’ के दौरान इस डिवाइस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रदर्शित किया गया था, जहां उन्होंने इसकी क्षमताओं को सराहा था।

यह भी पढ़ें:  Cyber Attack: अपनी हरकतों से नहीं बाज आ रहा पाकिस्तान, पाक हैकर ग्रुप ने डिफेंस वेबसाइट्स पर किया साइबर अटैक, एजेंसियां अलर्ट

शत्रुनाश: हैंडहेल्ड ईएमपी गन

मेजर राजप्रसाद का दूसरा इनोवेशन ‘शत्रुनाश- हैंडहेल्ड ईएमपी गन’ में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (ईएमपी) गन है, जो दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स को निष्क्रिय कर सकती है। यह पोर्टेबल डिवाइस आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जैसे कम्युनिकेशन डिवाइसेज और ड्रोन, को बिना किसी फिजिकल डैमेज के निष्क्रिय कर सकती है। इसका कॉम्पैक्ट डिजाइन और पोर्टेबिलिटी इसे फील्ड ऑपरेशंस में बेहद असरदार बनाता है।

शत्रुनाश का उपयोग विशेष रूप से काउंटर-आईईडी ऑपरेशंस में महत्वपूर्ण है, जहां यह आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है। इसकी तकनीक दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स को टारगेट करके उन्हें बेकार कर देती है, जिससे सैनिकों को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से मिशन पूरा करने में मदद मिलती है। यह डिवाइस भारतीय सेना की टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

मेजर राजप्रसाद के इनोवेशंस को भारतीय सेना के आर्मी डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) और फाउंडेशन ऑफ इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी दिल्ली के सहयोग से डेवलप किया गया है। इन डिवाइसेज की टेक्नोलॉजी को प्राइवेट डिफेंस इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम को ट्रांसफर किया गया है, ताकि इनका बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन हो सके।

मेजर राजप्रसाद के अन्य इनोवेशंस, जैसे ‘विद्युत रक्षक’ और ‘एक्सप्लोडर- कामिकाजे एंड आईईडी डिस्पोजल RoV’, भी भारतीय सेना में शामिल किए गए हैं। ‘विद्युत रक्षक’ एक IoT-एनेबल्ड जेनरेटर मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो पावर सप्लाई को मैनेज करने में मदद करता है, जबकि ‘एक्सप्लोडर’ एक ऑल-टेरेन अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल है, जो रेकी, सर्विलांस, और आईईडी डिस्पोजल जैसे मिशनों में उपयोगी है।

मेजर राजप्रसाद के इनोवेशंस को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी सराहा है। गंगटोक में आयोजित आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में ‘अग्निअस्त्र’ को लॉन्च करते समय जनरल द्विवेदी ने मेजर राजप्रसाद की नवाचार भावना और आर्मी डिजाइन ब्यूरो के योगदान की प्रशंसा की थी।

यह भी पढ़ें:  1971 War Surrender Painting: थम नहीं रहा है पेंटिंग की जगह बदलने पर विवाद, रिटायर्ड ब्रिगेडियर ने सेना पर उठाए सवाल, कहा- मानेकशॉ सेंटर का बदलें नाम

Military Innovations: बूट, बंदूक और ब्रेन! भारतीय सेना के जवान खुद बना रहे हैं अगली पीढ़ी के हथियार, अब सिर्फ लड़ते नहीं, इनोवेशंस भी करते हैं

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) का इंटरनेशनल सेमिनार नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें आतंकवाद और आईईडी से निपटने के लिए नई तकनीकों और रणनीतियों पर चर्चा हुई। इस सेमिनार में विभिन्न केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के साथ-साथ विदेशी डेलिगेट्स ने भी हिस्सा लिया। मेजर राजप्रसाद के इनोवेशंस को इस सेमिनार में खासतौर पर सराहा गया, क्योंकि ये काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस में गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

Leave a Reply

Share on WhatsApp