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📍नई दिल्ली | 19 Dec, 2024, 9:51 AM

IAF Pilots Training: भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने संसद के सामने रखी गई अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में भारतीय वायुसेना (IAF) के पायलट प्रशिक्षण में गंभीर खामियों को उजागर किया है। 2016-2021 के दौरान किए गए परफॉरमेंस ऑडिट में यह सामने आया कि पुराने इक्विपमेंट्स और बेसिक ट्रेनर एय़रक्राफ्ट्स की समस्याएं वायुसेना के ट्रेनिंग प्रोग्राम में दिक्कतें पैदा कर रही हैं।

IAF Pilots Training: CAG Flags Deficiencies in Indian Air Force Pilot Training

IAF Pilots Training: बेसिक ट्रेनर एय़रक्राफ्ट्स में तकनीकी खामियां

रिपोर्ट में वायुसेना के ‘स्टेज-1’ प्रशिक्षण में इस्तेमाल हो रहे Pilatus PC-7 Mk-II विमान की खामियों को बी बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक

  • 64 विमानों में से 16 (25%) में 2013 से 2021 के बीच 38 बार इंजन ऑयल लीक की घटनाएं दर्ज की गईं।
  • इस मुद्दे को वायुसेना ने विमान निर्माता कंपनी के साथ उठाया है। अगस्त 2023 तक यह मामला जांच के दायरे में है।

IAF Pilots Training: मॉडर्न ट्रेनिंग में कमी

CAG की रिपोर्ट में ‘स्टेज-2’ और ‘स्टेज-3’ पायलट ट्रेनिंग में पुरानी तकनीक और उपकरणों के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए गए।

  • हेलिकॉप्टर पायलट: हेलिकॉप्टर पायलटों को Mi-17 V5 जैसे पुराने हेलिकॉप्टरों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें लेटेस्ट एवियोनिक्स की कमी है, जिसके कारण ऑपरेशनल यूनिट्स को अतिरिक्त प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है।
  • ट्रांसपोर्ट पायलट: ट्रांसपोर्ट पायलटों को डॉर्नियर-228 जैसे पुराने विमानों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन विमानों में आधुनिक कॉकपिट की सुविधाएं नहीं हैं।

सिमुलेटर बेस्ड ट्रेनिंग में कमियां

CAG ने वर्चुअल रियलिटी (VR) सिमुलेटर और फ्लाइंग ट्रेनिंग डिवाइस (FTD) की उपयोगिता पर भी सवाल उठाए।

  • ये सिमुलेटर केवल प्रोसिजरल ट्रेनिंग देते हैं और रियल टाइम फ्लाइट एक्सपीरियंस का अहसास नहीं कराते।

पायलटों की भारी कमी

रिपोर्ट में वायुसेना में पायलटों की कमी को भी एक बड़ी समस्या बताया गया।

  • 2015 में वायुसेना ने 486 पायलटों की कमी का अनुमान लगाया था।
  • 2016-2021 के बीच हर साल 222 प्रशिक्षु पायलटों की योजना थी, लेकिन वास्तविक भर्ती इससे कम रही।
  • 2021 तक यह कमी बढ़कर 596 पायलटों तक पहुंच गई।

आधुनिकीकरण योजनाओं में देरी का प्रभाव

रिपोर्ट में वायुसेना की आधुनिकीकरण योजनाओं में देरी को भी एक प्रमुख कारण बताया गया।

  • आधुनिक प्रशिक्षण उपकरणों और विमानों की कमी के कारण पायलटों को प्रशिक्षण में अतिरिक्त समय और प्रयास की जरूरत होती है।

ट्रेनिंग में सुधार की जरूरत

CAG ने अपनी रिपोर्ट में वायुसेना को प्रशिक्षण कार्यक्रमों और उपकरणों के आधुनिकीकरण की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया कि उन्नत तकनीक और आधुनिक प्रशिक्षण मॉडल अपनाने से पायलटों की दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस रिपोर्ट से वायुसेना को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इससे न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान होगा, बल्कि वायुसेना भविष्य की जरूरतों के लिए भी तैयार होगी।

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