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📍नई दिल्ली | 7 months ago

F-35 Stealth Fighter Jet: भारतीय वायुसेना (IAF) जल्द ही सरकार को स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की सलाह दे सकती है। सरकार में शामिल सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा सुरक्षा हालात और पड़ोसी देशों की बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए भारत इस पर जल्द फैसला ले सकता है।

F-35 Stealth Fighter Jet: Amid Growing Threat from China-Pakistan, Will India Buy F-35 from the US? Indian Air Force Seeks Stealth Fighter Jets

चीन पहले ही स्टील्थ फाइटर जेट्स का इस्तेमाल कर रहा है और वह पाकिस्तान को 40 फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट्स बेचने जा रहा है। इसके अलावा, चीन सिक्स्थ-जनरेशन स्टील्थ टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रहा है। ऐसे में आने वाले समय में भारत की चुनौतियां बढ़ सकती हैं।

स्टील्थ फाइटर जेट्स की सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम होते हैं। या तो दिखाई नहीं देते या फिर देरी से दिखाई देते हैं, जिससे युद्ध के दौरान दुश्मन को रेस्पॉन्स देने का वक्त नहीं मिल पाता। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका भारत को F-35 फाइटर जेट बेचने के लिए तैयार है। इस बयान के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि भारत F-35 खरीदने पर विचार कर सकता है।

F-35 Stealth Fighter Jet: एक जहाज की कीमत लगभग 665 करोड़ रुपये!

अगर भारत F-35 खरीदने पर विचार करता है तो सबसे बड़ी चुनौती इसकी कीमत है। क्योंकि एफ-35 फाइटर जेट की कीमत 80 मीलियन डॉलर (लगभग 665 करोड़ रुपये) पड़ती है, जबकि इसकी सालाना मेंटेनेंस कॉस्ट लगभग 7 मिलियन अमेरिकी डॉलर (58 करोड़ भारतीय रुपये) पड़ती है। इसके अलावा इसके लिए खास इकोसिस्टम चाहिए। हाल ही में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने निजी एजेंसी को बातचीत में कहा था, “अभी तक हमें आधिकारिक रूप से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, लेकिन हम इसे खुले दिमाग से विचार करने के लिए तैयार हैं।”

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रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि F-35 अपनी स्टील्थ टेक्नोलॉजी के चलते डिफेंस और अटैक, दोनों ही मामलों में बेहद सक्षम है। इसका बॉडी पेंट, विशेष डिजाइन और इंटरनल वेपन सिस्टम इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करते हैं। पूर्व एयर मार्शल पीएस अहलूवालिया ने कहा, “F-35 मल्टीपर्पज फाइटर जेट है, जो युद्ध के दौरान दुश्मन पर जोरदार हमला करने की क्षमता रखता है। यह पहले से ही कई मिलिट्री ऑपरेशंस में इसने अपनी उपयोगिता साबित की है।” हालांकि, अगर भारत इसे खरीदता है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि लॉजिस्टिक्स, मेंटेनेंस और ट्रेनिंग को लेकर भविष्य में कोई समस्या न हो।

F-35 Stealth Fighter Jet: भारतीय वायुसेना को स्टील्थ जेट्स की जरूरत

IAF पहले से ही अपने स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट प्रोग्राम AMCA पर काम कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि 2035-36 तक यह भारतीय वायुसेना में इंडक्ट हो जाएगाा। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कुछ रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत को अपनी तात्कालीक जरूरतों को पूरा करने के लिए F-35 खरीदना चाहिए।

अहलूवालिया का मानना है कि “अगर भारत अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करना चाहता है, तो दो स्क्वाड्रन (करीब 36-40 विमान) का ऑर्डर देना एक अच्छा फैसला हो सकता है।”

Su-57 और F-35 में कौन है बेहतर?

रूस ने हाल ही में अपना Su-57 स्टील्थ फाइटर एयरो इंडिया 2025 में शोकेस किया था। रूस पहले से ही भारत का सबसे बड़ा रक्षा डिफेंस सप्लायर रहा है, लेकिन अब भारत अपनी डिफेंस पार्टनरशिप को और नेक्स्ट लेवल तक ले जा रहा है, और फ्रांस, अमेरिका और इज़राइल जैसे देशों से भी सैन्य उपकरण खरीद रहा है।

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डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि Su-57 ने अभी तक किसी जंग में हिस्सा नहीं लिया है, जिसके चलते इसकी क्षमताओं के बारे ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

जबकि F-35 कई देशों के पास है और वॉर मिशन में इसने अपनी उपयोगिता साबित की है। हालांकि, भारत के लिए इसे खरीदना या न खरीदना पूरी तरह से सरकार का फैसला होगा।

F-35 Stealth Fighter Jet: डिटेल्ड टेक्निकल इवैल्यूएशन जरूरी

रक्षा विशेषज्ञ आरके नारंग के अनुसार, “अगर भविष्य में भारत को F-35 खरीदने का प्रस्ताव मिलता है, तो हमें पहले इसका डिटेल्ड टेक्निकल इवैल्यूएशन करना होगा। हमें यह भी तय करना होगा कि हमाररी जरूरत कितने विमानों की है, उनकी डिलीवरी का समय क्या होगा और इसका हमारे स्वदेशी रक्षा कार्यक्रम पर क्या असर पड़ेगा।”

भारत में रक्षा खरीद की प्रक्रिया आमतौर पर लंबी होती है। एक डील को पूरा होने में दो साल तक का समय लग सकता है और पहले बैच की डिलीवरी में पांच से सात साल का वक्त लग सकता है।

F-35 की कीमत कितनी होगी?

एक F-35 लाइटनिंग II फाइटर जेट की कीमत 80 मिलियन डॉलर (करीब 665 करोड़ रुपये) हो सकती है। इसके अलावा, हर साल इसके मेंटेनेंस पर करीब 7 मिलियन डॉलर (करीब 58 करोड़ रुपये) का खर्च आ सकता है।

अमेरिकी गवर्नमेंट अकाउंटेबिलिटी ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में यह अनुमान लगाया गया था कि 2088 तक F-35 फ्लीट को बनाए रखने में 1.58 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1,30,000 अरब रुपये) का खर्च आएगा।

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क्या भारत को अब F-35 खरीदने की जरूरत है?

चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य शक्ति को देखते हुए भारतीय वायुसेना के लिए स्टील्थ फाइटर जेट्स की जरूरत बढ़ रही है। लेकिन क्या यह जरूरत अमेरिकी F-35 से पूरी होगी या भारत किसी अन्य विकल्प पर विचार करेगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

भारत के पास स्वदेशी स्टील्थ फाइटर प्रोग्राम भी मौजूद है, लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। ऐसे में सरकार को तय करना होगा कि वह अमेरिका से F-35 खरीदने का जोखिम उठाना चाहती है या अपने खुद के प्रोजेक्ट पर भरोसा करके आगे बढ़ेगी। फैसला जो भी हो, आने वाले वर्षों में भारत की सैन्य नीति और रक्षा क्षमताओं पर इसका गहरा असर पड़ेगा।

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