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📍नई दिल्ली | 6 months ago

Republic Day 2025: इस साल 76वें गणतंत्र दिवस इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबिआंतो मुख्य अतिथि होंगे। यह सम्मान भारत उन देशों को देता है जिनके साथ उसके मजबूत संबंध होते हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों का फोकस खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे विषयों पर रहेगा।

Republic Day 2025: BrahMos Deal Likely Finalized During Indonesian President's India Visit

डिप्लोमेटिक सूत्रों के अनुसार, इंडोनेशिया को वर्तमान में 1,60,000 डॉक्टरों और नर्सों की जरूरत है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेता माना जाता है। नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति सुबिआंतो की बैठक के दौरान भी इस विषय पर चर्चा हुई थी। माना जा रहा है कि भारत इंडोनेशिया को स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकता है।

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गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई दल की भागीदारी

यह चौथी बार है जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनेंगे। इससे पहले 1950, 2011, और 2018 में भी इंडोनेशियाई राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि रह चुके हैं। इस बार विशेष रूप से, इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी गणतंत्र दिवस पर कर्तव्यपथ पर मार्च करेगी।

सीईओ फोरम और अन्य समझौते

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान तीसरे सीईओ फोरम का आयोजन भी होगा। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों और घोषणाओं की उम्मीद है। यह फोरम व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

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ब्राह्मोस मिसाइल पर बातचीत की संभावना

कूटनीतिक सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि ब्राह्मोस मिसाइल समझौते पर चर्चा जारी है। इंडोनेशिया की प्राथमिकता इस समझौते में तकनीकी हस्तांतरण पर है। पिछले महीने भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान भी इस विषय पर बातचीत हुई थी।

इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री स्जाफ्री स्जामसूद्दीन ने एक पोस्ट में लिखा, “एडवांस तकनीकी सहयोग जैसे ब्राह्मोस, इंडोनेशिया को सीखने और बढ़ने के अवसर प्रदान करता है।”

अंडमान और आचे संपर्क योजना

भारत और इंडोनेशिया के बीच अंडमान और आचे के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने की योजना पर भी चर्चा होगी। हालांकि, आचे में राजनीतिक परिस्थितियों के कारण इस योजना में कुछ देरी हो रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सीधी हवाई और बंदरगाह कनेक्टिविटी स्थापित करना है।

आचे को 2005 के शांति समझौते के बाद से विशेष स्वायत्तता प्राप्त है। इसके अलावा, दिल्ली और जकार्ता के बीच सीधी उड़ानों पर भी फोकस होगा, हालांकि दिल्ली और मुंबई से बाली के लिए सीधी उड़ानें पहले से ही संचालित हो रही हैं। जकार्ता जैसी व्यावसायिक राजधानी से सीधा संपर्क दोनों देशों के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।

इंडोनेशिया और भारत के बीच यह यात्रा केवल सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने का नहीं, बल्कि व्यापार, रक्षा और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने का एक मौका है। यह दोनों देशों के बीच बढ़ते रिश्तों की एक और मजबूत मिसाल पेश करेगा। यह यात्रा भारत-इंडोनेशिया संबंधों के एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है, जहां दोनों देश अपनी क्षमता और संसाधनों का उपयोग करके वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ खड़े हैं।

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