पहलगाम आतंकी हमले में भारत ने पाकिस्तान की संलिप्तता के ठोस सबूत दुनिया के सामने रखे हैं। तकनीकी और मानव खुफिया जानकारी के आधार पर हमलावरों की पहचान हुई है। हमले में शामिल ‘TRF’ का इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर पाकिस्तान के दो ठिकानों से ट्रेस किया गया है। भारत ने कड़े राजनयिक कदम उठाए हैं...

Read Time 0.25 mintue

📍नई दिल्ली | 26 Apr, 2025, 2:46 PM

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान के हाथ होने के सबूत रखे हैं। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। अब भारत ने टेक्निकल इंटेलिजेंस और चश्मदीद गवाहों के भरोसेमंद बयानों के आधार पर यह स्पष्ट कर दिया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों का हाथ है।

Pahalgam Terror Attack: India Traces TRF Electronic Signature to Pakistan

भारत ने इस हमले के बाद तुरंत कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए। पिछले दो दिनों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 वैश्विक नेताओं से फोन पर बात की, जबकि विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली में 30 से ज्यादा देशों के राजदूतों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों में भारत ने पाकिस्तानी आतंकी लिंक को साबित करने वाले सबूत पेश किए।

Pahalgam Terror Attack: क्या हैं सबूत?

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) के आतंकियों की पहचान कर ली है। तकनीकी खुफिया जानकारी से पता चला है कि पाकिस्तान के आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के शेडो ग्रुप ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर पाकिस्तान के दो जगहों पर ट्रेस किए गए हैं। खुफिया एजेंसियों ने मोबाइल सिग्नल, इलेक्ट्रॉनिक संचार, रेडियो फ्रीक्वेंसी मॉनिटरिंग) के जरिये आतंकियों की लोकेशन को पकड़ा। आतंकी कुछ समय पहले सीमा पार से भारत में दाखिल हुए थे और छिपे हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों में कम से कम चार आतंकी शामिल थे, जिनमें दो विदेशी (पाकिस्तानी) थे।

खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले की योजना बहुत सावधानी से बनाई गई थी। आतंकियों ने पहले बैसरन घाटी की रेकी की और सही समय का इंतजार किया। बता दें कि पाकिस्तान ने हमले से पहले ही सीमा पर तैनाती बढ़ाई और पाकिसानी सेना के जनरल आसिम मुनीर ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने की बात कही थी।

इसके अलावा, चश्मदीद गवाहों और अन्य खुफिया स्रोतों से मिले संकेत भी साफ बताते हैं कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे और कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में छिपे हुए थे।

Pahalgam Terror Attack: भारत की कूटनीतिक जवाबी कार्रवाई

पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव को देखते हुए कड़े कूटनीतिक कदम उठाए। भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया, अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया, और पाकिस्तानी राजनयिकों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर सात दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया। इसके अलावा, भारत ने इस्लामाबाद में अपने दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुला लिया और SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस कश्मीर आतंकी हमला के सीमा पार संबंध स्पष्ट हैं। हम आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएंगे।” भारत ने इन कदमों को वैश्विक समुदाय के सामने जायज ठहराया, जिसका मकसद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना और उस पर दबाव बढ़ाना है।

Pahalgam Terror Attack: कई देशों के नेताओं ने दिया समर्थन

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद 13 वैश्विक नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और हमले की निंदा की। इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर शामिल हैं। स्टार्मर ने इसे “भयावह” और डच प्रधानमंत्री डिक स्कूफ ने इसे “कायराना कृत्य” करार दिया। सभी ने भारत के साथ एकजुटता जताई और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन का वादा किया।

पीएम मोदी ने इन नेताओं का आभार जताया और कहा, “भारत आतंकियों और उनके समर्थकों को धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा देगा।” विदेश मंत्री एस जयशंकर भी लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद से बातचीत की। इज़राइल, नेपाल, मिस्र और अर्जेंटीना के राजदूतों से मुलाकात की। फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट से भी फोन पर चर्चा की। इसके अलावा जर्मनी के चांसलर के सलाहकार जेंस प्लॉटनर से भी मुलाकात की।

Pahalgam Terror Attack: पर्यटन को लगा झटका

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है। 2024 में 35 लाख पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया था, लेकिन इस हमले के बाद कई बुकिंग रद्द हो गईं। भारत ने वैश्विक समुदाय को आश्वस्त किया कि कश्मीर पर्यटन सुरक्षा बरकरार है और विदेशी पर्यटकों के लिए कोई खतरा नहीं है। हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन ने यात्रा सलाह जारी की है, जिसे भारत ने गैरजरूरी बताया है।

Pahalgam Attack: सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए सेना बनाएगी अस्थायी ऑपरेटिंग बेस, ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात होंगे सैनिक

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक रैली में कहा, “हम हर आतंकी को ट्रैक करेंगे और सजा देंगे। भारत का हौसला आतंकवाद से कभी नहीं टूटेगा।” आतंकवादी फंडिंग व्यवधान और ड्रोन-रोधी तकनीक कश्मीर जैसे कदमों के जरिए भारत आतंकवाद के इकोसिस्टम को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “यह हमला कश्मीरियत के खिलाफ है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

Leave a Reply Cancel reply

Share on WhatsApp
Exit mobile version