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मुनीर ने अपने ताजा बयान में वजीरिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा में हुए एक आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। उन्होंने इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा...
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📍नई दिल्ली | 3 weeks ago

Asim Munir threatens India: पाकिस्तान की सेना एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगलने पर उतर आई है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच क्या कर लिया कि लगता है जैसे उन्हें अमेरिकी की शह मिल गई है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत के खिलाफ तीखा बयान दिया है। कराची स्थित पाकिस्तान नौसेना अकादमी (Pakistan Naval Academy) में आयोजित एक कार्यक्रम में पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने न केवल भारत को दो बार ‘बिना किसी उकसावे के हमला करने’ का आरोप लगाया, बल्कि कश्मीर मुद्दे को लेकर भड़काऊ बयान देते हुए भारत को ‘निर्णायक जवाब’ की चेतावनी भी दे डाली। साथ ही, मुनीर ने यह भी आरोप लगाया कि जब पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के करीब है, तब भारत जानबूझकर क्षेत्र में तनाव पैदा कर रहा है।

Asim Munir threatens India: “नेट रीजनल स्टैबिलाइजर” कहकर खुद की तारीफ

जनरल असीम मुनीर ने अपने भाषण में पाकिस्तान को इस क्षेत्र का “नेट रीजनल स्टैबिलाइज़र” यानी क्षेत्रीय स्थिरता कायम रखने वाला (Net Regional Stabiliser) बताया और दावा किया कि भारत की कथित ‘आक्रामकता’ के बावजूद पाकिस्तान ने संयम और परिपक्वता दिखाई है। उन्होंने कहा, “भारत ने रणनीतिक दूरदर्शिता की कमी दिखाई है और बिना किसी कारण के पाकिस्तान पर हमला किया है। इसके बावजूद, हमने संयम बरता और शांति के लिए प्रतिबद्धता जताई।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहले ही संवेदनशील मोड़ पर हैं। खासतौर पर 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें पाक समर्थित आतंकियों ने निर्दोष पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था, भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा था।

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फिर छेड़ा कश्मीर राग

मुनीर ने अपने भाषण में कश्मीर को लेकर एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमें अपने कश्मीरी भाइयों की कुर्बानियों को याद रखना चाहिए, जो भारत के अवैध कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत कश्मीर के “न्यायपूर्ण समाधान” के लिए आवाज उठाता रहेगा।

यह पहली बार नहीं है जब मुनीर ने कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयान दिए हैं। कुछ दिन पहले ही, उन्होंने विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित करते हुए कश्मीर को पाकिस्तान की “गले की नस” (जगुलर वेन) बताया था। उन्होंने कहा था, “कश्मीर हमारी गले की नस है, और रहेगी। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे।” इस बयान के कुछ ही दिनों बाद, कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम इलाके में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने दो दर्जन से अधिक पुरुष पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इस हमले के जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट किया गया।

वजीरिस्तान हमले का आरोप मढ़ा भारत पर

मुनीर ने अपने ताजा बयान में वजीरिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा में हुए एक आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। उन्होंने इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। वहीं, भारतीय सूत्रों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तानी सेना की एक “झूठी साजिश” (फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन) हो सकता है, जिसमें अपनी ही सेना के सैनिकों को मारकर पाकिस्तान पीड़ित होने का दावा कर रहा है। इस तरह के “झूठे हमले” (फॉल्स फ्लैग ऑपरेशंस) का इतिहास पाकिस्तान में पहले भी देखा गया है।

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दिल्ली के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के विश्लेषक राकेश शर्मा कहते हैं, “वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तलबान पाकिस्तान (TTP) के हमले बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान की सेना को इनसे निपटने में मुश्किल हो रही है। भारत पर इल्जाम लगाकर वे अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।” TTP ने हाल के सालों में कई सैन्य चौकियों पर हमले किए हैं, जिसने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की कमजोरियां जगजाहिर हुई हैं।

लंदन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के विश्लेषक अमना खान ने कहा, “यह एक संभावित फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन हो सकता है। खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ पाकिस्तान सेना की लड़ाई में उसे बार-बार असफलताएं मिली हैं। हाल के सालों में TTP ने सैन्य चौकियों पर हमलों को तेज किया है। वजीरिस्तान में हुए हमले को भारत पर दोष मढ़कर सेना अपनी कमजोरियों को छिपाने की कोशिश कर रही है।”

पाकिस्तान का आतंक पर ‘डबल गेम’

पाकिस्तान लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को आतंक के खिलाफ लड़ने वाला देश बताता रहा है, लेकिन हकीकत में वही आतंक को समर्थन देता रहा है। चाहे वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद हो या अफगान सीमा पर चरमपंथ, पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI पर लगातार आतंकियों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं।

मुनीर का ताज़ा बयान इस ‘डबल गेम’ की पुष्टि करता है। उन्होंने अपने भाषण में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की “करीबी सफलता” का दावा किया, लेकिन साथ ही कश्मीर को लेकर उग्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो यह बताता है कि पाकिस्तान अभी भी आतंक को अभी भी बढ़ावा दे रहे हैं।

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क्या है मुनीर की रणनीति?

असीम मुनीर के बयानों को पाकिस्तान की आंतरिक और बाहरी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय भारी संकट से गुजर रही है। मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) और बेरोजगारी ने जनता का असंतोष बढ़ा दिया है। ऐसे में, भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देकर मुनीर जनता का ध्यान आंतरिक मामलों से हटाना चाहते हैं।

भारतीय रक्षा विशेषज्ञों और थिंक टैंक ने असीम मुनीर के बयान को ‘भड़काऊ और गैर-जिम्मेदाराना’ बताया है। रक्षा विश्लेषक ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) अरविंद नारंग के मुताबिक, “पाकिस्तान अपनी आंतरिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय अलगाव से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार भारत के खिलाफ जहर उगलता है। लेकिन अब भारत की नीति स्पष्ट है, आतंक के हर रूप को निर्णायक तौर से कुचलना।”

कश्मीर मुद्दे को जिंदा रखना चाहता है पाक

जनरल मुनीर मे अपने भाषण में कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने की बात दोहराई। यह पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही प्रॉक्सी युद्ध की नीति का हिस्सा है। रक्षा विश्लेषक और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. रमेश ठाकुर के अनुसार, “पाकिस्तान का यह रुख कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जीवित रखने और भारत पर दबाव बनाने की कोशिश है। यह विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब भारत ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद कश्मीर को सुरक्षा मुद्दा घोषित कर दिया है।”

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उन्होंने कहा, भारत पर हमले का आरोप लगाकर और कश्मीर में “नैतिक और कूटनीतिक समर्थन” की बात करके, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) जैसे मंचों पर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इस तरह के दावों को खारिज करते हुए इसे “पाकिस्तान का पुराना प्रचार” करार दिया।

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