रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.8 mintue

📍नई दिल्ली | 7 months ago

Zorawar Light Tank: भारतीय सेना के स्वदेशी लाइट टैंक (ILT) ने 4200 मीटर से अधिक ऊंचाई पर अपने दमखम का प्रदर्शन कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस टैंक ने विभिन्न रेंज पर गोले दागे और हर बार सटीक निशाना साधा। इससे पहले सितंबर 2024 में राजस्थान के भीषण गर्मी वाले रेगिस्तानी इलाकों में पहले फेज की टेस्टिंग की गई थी।

Zorawar Light Tank: Indian Light Tank Makes History with Accurate Firing in Ladakh! Airlift Nyoma via IAF IL-76 plane

Zorawar Light Tank: डिजाइन और डेवलपमेंट में किया कमाल

इस लाइट टैंक को चेन्नई स्थित डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की लैब कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (CVRDE) द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। इसे भारतीय सेना की अस्थायी स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (PSQR) के आधार पर बनाया गया है। उत्पादन की ज़िम्मेदारी लार्सन एंड टूब्रो (L&T) प्रिसीशन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स को दी गई है।

यह टैंक 25 टन वर्ग का एक बख्तरबंद लड़ाकू वाहन है, जिसे ऊंचाई वाले इलाकों में सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तीन वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार कर उच्च पर्वतीय इलाकों में परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया गया।

Zorawar Light Tank: चीन सीमा के नजदीक पूर्वी लद्दाख में झंडे गाड़ रहा है भारत का यह स्वदेशी टैंक! जानें इस टैंक के लिए 2025 क्यों है अहम?

IL-76 से किया एयरलिफ्ट

भारतीय वायुसेना ने इस टैंक को एयरलिफ्ट कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस टैंक को सड़क या रेल मार्ग से दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाना आसान नहीं है, लेकिन वायुसेना की मदद से इसे दूरस्थ इलाकों में तेजी से तैनात किया जा सकता है। यह सुविधा खासतौर पर लद्दाख जैसे दुर्गम इलाकों में बेहद महत्वपूर्ण है। सूत्रों ने बताया कि  भारतीय वायुसेना के IL-76 विमान के जरिए इसे ले जाया गया, जिससे इसकी एयरलिफ्ट क्षमता का पता चला। IL-76, जो भारी भार उठाने में सक्षम है, ने 25 टन वजनी ज़ोरावर को परीक्षण स्थल तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।

यह भी पढ़ें:  Army Father’s Heartfelt Gift: सड़क हादसे में बेटे को खोया, सेना के जवान ने लिया बड़ा फैसला, अंगदान से छह लोगों को दी जिंदगी

Zorawar Light Tank: Indian Light Tank Makes History with Accurate Firing in Ladakh! Airlift Nyoma via IAF IL-76 plane

लद्दाख में ज़ोरावर टैंक का परीक्षण

इसी बीच, लद्दाख के न्योमा क्षेत्र में स्वदेशी ज़ोरावर लाइट टैंक के परीक्षण जारी हैं। इस टैंक को फायरिंग, मोबिलिटी और प्रोटेक्शन जैसे मानकों पर परखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, परीक्षणों के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद इसे अगले साल भारतीय सेना को सौंपा जाएगा।

ज़ोरावर लाइट टैंक को सेना की लद्दाख सेक्टर में मोबिलिटी और मैन्युवरिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा हाल ही में स्वीकृत की गई है।

Light Battle Tank Zorawar: भारत के स्वदेशी हल्के टैंक जोरावर को लेकर बड़ी खबर आई सामने, चीन सीमा पर भारतीय सेना कर रही ये बड़ी तैयारी!

चीन की चुनौती का जवाब

लद्दाख क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी लाइट टैंकों की तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना ने भी समान क्षमताओं के विकास पर जोर दिया है। स्वदेशी ज़ोरावर लाइट टैंक, चीनी टैंकों का मुकाबला करने के लिए सेना की रणनीतिक क्षमताओं को और मजबूती देगा।

स्वदेशी टैंक की प्रमुख विशेषताएं

ज़ोरावर टैंक को एलएंडटी और डीआरडीओ की साझेदारी में “मेक इन इंडिया” पहल के तहत तैयार किया गया है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताओं में सक्रिय सुरक्षा प्रणाली (Active Protection System) शामिल है, जो इसे एंटी-टैंक मिसाइलों और अन्य प्रोजेक्टाइल से बचाने में सक्षम बनाती है।

इसके अलावा, यह टैंक अम्फीबियस (पानी और जमीन दोनों पर चलने योग्य) होगा, जो इसे पैंगोंग झील जैसे नदी क्षेत्रों में भी तैनात करने में मदद करेगा। यह सुविधा सेना को बहुस्तरीय लड़ाई के लिए बेहतर तैयारी देगी।

यह भी पढ़ें:  Republic Day Tickets: मात्र 20 रुपये में देखें गणतंत्र दिवस 2025 की परेड, टिकटों की बिक्री हुई शुरू, आज ही करें बुक

रक्षा मंत्री और डीआरडीओ प्रमुख ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय सेना, वायुसेना और एलएंडटी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने भी लाइट टैंक टीम और एलएंडटी को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस टैंक की डिजाइनिंग और निर्माण स्वदेशी क्षमताओं की साक्षी है।

स्वदेशी तकनीक से तैयार यह टैंक भारतीय सेना की युद्ध रणनीति को नया आयाम देगा। लद्दाख और अन्य दुर्गम इलाकों में दुश्मन के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत को यह टैंक पूरा करेगा।

भारतीय सेना, वायुसेना और डीआरडीओ के बीच समन्वय इस टैंक की सफलता का प्रमुख कारण है। यह टैंक न केवल भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि स्वदेशी तकनीक के क्षेत्र में भी भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

Leave a Reply

Share on WhatsApp