TTK के इस बयान को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान की गहरी साजिश का हिस्सा है। ऐसा लगता है कि रावलपिंडी में बैठे कुछ लोग इस संगठन को चलाने की स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। पहले एक छोटा सा हमला करवाया गया, फिर एक बयान जारी किया गया, जिसमें पाकिस्तान को जिहाद का विरोधी दिखाया गया...
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📍श्रीनगर/रावलपिंडी | 2 Jun, 2025, 4:09 PM

Pakistani propaganda: जम्मू-कश्मीर में एक नए आतंकी संगठन का नाम सामने आया है। तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का एक हिस्सा होने का दावा करता है और हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) के रावलाकोट के पास हुसैन कोट में हुए एक हमले की जिम्मेदारी भी ले चुका है। लेकिन खास बात यह है कि इस संगठन ने भारत और पाकिस्तान दोनों को कश्मीर पर “कब्जा करने वाला” बताते हुए जिहाद का एलान किया है।

Pakistani propaganda: TTK का बयान: भारत पर निशाना, पाकिस्तान को राहत

तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) ने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिसमें उसने जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों के “कब्जे” से मुक्त कराने की बात कही। संगठन के प्रवक्ता मुफ्ती मेहबूब बट सोपोर ने कहा कि उनका मकसद जम्मू-कश्मीर में इस्लामी कानून लागू करना और पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं को फैलाना है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका जिहाद सिर्फ कश्मीर तक सीमित रहेगा और इसके निशाने पर भारतीय सेना, उसके मुखबिर और सहयोगी होंगे।

अपने बयान में 2004 के बाद से पाकिस्तानी सेना पर जिहादी समूहों और कश्मीर में विद्रोह को दबाने का आरोप लगाया गया। TTK ने इस बात का सबूत देने के लिए “द स्पाई क्रॉनिकल्स” नाम की किताब का हवाला दिया, जिसमें भारत और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग की बात कही गई है। हालांकि, संगठन ने पाकिस्तानी लोगों की कश्मीर के लिए कुर्बानियों की तारीफ की और कहा कि वह लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को नहीं मानता।

सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि TTK ने हाल के पहलगाम हमले को भारतीय सेना का “झूठा ऑपरेशन” करार दिया। उसने दावा किया कि यह हमला बीजेपी और आरएसएस की सियासी साजिश थी, ताकि जम्मू-कश्मीर में जमीन हड़पने और वहां की आबादी को बदलने की कोशिश की जा सके।

क्या है TTK का असली मकसद?

कई जानकार मानते हैं कि यह संगठन असली नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की गहरी साजिश का हिस्सा है। उनका कहना है कि TTK ने भले ही भारत और पाकिस्तान दोनों को कश्मीर पर कब्जा करने वाला कहा हो, लेकिन उसका असली निशाना सिर्फ भारत है। पाकिस्तान की आलोचना बस दिखावे की है। उसने पाकिस्तानी सेना पर जिहादी समूहों को दबाने का आरोप लगाया, जो कि पाकिस्तान पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कहता रहा है, ताकि वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे संगठनों को गुमराह कर सके।

वहीं, TTK ने अपने बयान में बीजेपी और आरएसएस का नाम लिया, जो ठीक वही शब्द हैं, जो पाकिस्तान की विदेश नीति में इस्तेमाल होते हैं। एक नए आतंकी संगठन का इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना सवाल खड़े करता है कि क्या यह संगठन वाकई नया आतंकी संगठन है, या इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है?

इसके अलावा TTK का यह कहना कि पाकिस्तानी सेना जिहाद के खिलाफ है, दरअसल पाकिस्तान को आतंकवाद से जोड़े जाने की जिम्मेदारी से बचाने की कोशिश है। इससे पाकिस्तान यह दिखा सकता है कि वह आतंकवाद का शिकार है, न कि उसका समर्थक। वहीं, TTK ने पहलगाम हमले को भारत की साजिश बताया, जो कि पाकिस्तान की पुरानी रणनीति है। इस तरह के दावे करके पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारी से बचता है और भारत पर हमले को स्टेज करने का इल्जाम लगाता है।

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अपने बयान में TTK ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कुछ भी ठोस कार्रवाई की बात नहीं की। उसका पूरा फोकस भारत पर है, जो यह दिखाता है कि यह संगठन शायद पाकिस्तान की निगरानी में काम कर रहा है। इसके अलावा TTK ने LoC को न मानने की बात कही है। इससे भविष्य में जब यह संगठन भारत में घुसपैठ करता है, तो पाकिस्तान यह कहकर बच सकता है कि यह उसके नियंत्रण से बाहर का संगठन है।

क्या यह पाकिस्तान की साजिश है?

TTK के इस बयान को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान की गहरी साजिश का हिस्सा है। ऐसा लगता है कि रावलपिंडी में बैठे कुछ लोग इस संगठन को चलाने की स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। पहले एक छोटा सा हमला करवाया गया, फिर एक बयान जारी किया गया, जिसमें पाकिस्तान को जिहाद का विरोधी दिखाया गया। इससे पाकिस्तान एक तरफ तो यह दिखाता है कि वह आतंकवाद का शिकार है, और दूसरी तरफ LoC के पार होने वाली गतिविधियों से अपना पल्ला झाड़ लेता है।

हालांकि पाकिस्तान की यह रणनीति नई नहीं है। पाकिस्तान पहले भी कई बार ऐसे संगठनों को सामने लाकर भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां चलाता रहा है। TTK का बयान और उसकी हरकतें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि यह एक तरह का पीआर कैंपेन है, जिसका मकसद भारत को बदनाम करना और पाकिस्तान को बचाना है।

PoJK के हुसैन कोट में एक हमले की ली जिम्मेदारी

TTK ने हाल ही में PoJK के हुसैन कोट में एक हमले की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन इस संगठन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यह संगठन पहली बार 10 मई, 2025 को सामने आया, जब इसने रावलाकोट के पास हमले की बात कही। इसके बाद अब यह बयान आया है, जिसमें उसने भारत के खिलाफ जिहाद की बात कही। संगठन का दावा है कि वह TTP का हिस्सा है, लेकिन TTP ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

पहलगाम हमले को बताया साजिश

TTK ने अपने बयान में पहलगाम हमले को भारतीय सेना की साजिश बताया। अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए इस हमले में कई लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन TTK का यह कहना कि यह हमला भारत ने खुद करवाया। यह पाकिस्तान की पुरानी रणनीति का हिस्सा है।

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पाकिस्तान पहले भी कई बार ऐसे दावे कर चुका है। 2019 के पुलवामा हमले के बाद भी उसने कहा था कि यह भारत की साजिश थी। लेकिन बाद में जांच में साफ हुआ कि हमला जैश-ए-मोहम्मद ने किया था। TTK का यह दावा उसी तरह की रणनीति का हिस्सा लगता है, जिससे पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारी से बच सके।

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