📍नई दिल्ली | 8 months ago
MH-60R Seahawk Helicopters: भारत और अमेरिका के बढ़ते रक्षा संबंधों को और मजबूती देते हुए अमेरिकी सरकार ने MH-60R मल्टी-रोल हेलिकॉप्टरों के लिए सर्पोर्ट सिस्टम और इक्विपमेंट्स की बिक्री को मंजूरी दी है। यह सौदा $1.17 बिलियन का है, जो अमेरिकी विदेश सैन्य बिक्री कार्यक्रम के तहत किया जाएगा।
MH-60R Seahawk Helicopters: भारत की रक्षा क्षमताओं में बड़ा कदम
भारत ने फरवरी 2020 में $2.2 बिलियन के अनुबंध के तहत 24 MH-60R हेलिकॉप्टरों का ऑर्डर दिया था। इनमें से नौ हेलिकॉप्टर पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुके हैं। यह हेलिकॉप्टर विशेष रूप से पनडुब्बी रोधी युद्ध और समुद्री निगरानी के लिए डिजाइन किए गए हैं।
MH-60R हेलिकॉप्टर अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं, जिनमें हेलफायर मिसाइल, MK-54 टॉरपीडो, और प्रिसिजन-किल रॉकेट शामिल हैं। इनके साथ मल्टी-मोड रडार और नाइट-विजन डिवाइस जैसी सुविधाएं भी हैं। मार्च 2024 में, भारतीय नौसेना ने कोच्चि स्थित INS गरुड़ा पर इन हेलिकॉप्टरों का पहला स्क्वाड्रन कमीशन किया था।
नई बिक्री में क्या है खास?
अमेरिकी डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने अमेरिकी कांग्रेस को इस बिक्री की जानकारी दी है। भारत ने इस नए सौदे के तहत 30 मल्टीफंक्शनल इंफॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम-जॉइंट टैक्टिकल रेडियो सिस्टम, एडवांस डेटा ट्रांसफर सिस्टम, बाहरी फ्यूल टैंक, फॉरवर्ड-लुकिंग इन्फ्रारेड सिस्टम, और पहचानने व मित्र/दुश्मन को अलग करने वाले उपकरण (Identification Friend or Foe) मांगे हैं।
इसके अलावा, अन्य उपकरणों और सेवाओं में शामिल हैं:
- स्पेयर और रिपेयर पार्ट्स
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और मिशन प्लानिंग सिस्टम
- संचार उपकरण
- तकनीकी और लॉजिस्टिक्स सहायता सेवाएं
- प्रशिक्षण और प्रशिक्षण उपकरण
रक्षा क्षमताओं में वृद्धि
अमेरिकी सरकार ने कहा कि यह प्रस्तावित बिक्री भारत की वर्तमान और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की क्षमता को बढ़ाएगी। खासतौर पर पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को एडवांस करने में यह उपकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भारत की नौसेना के लिए यह सौदा न केवल रणनीतिक रूप से बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी बड़ा कदम है।
बाइडन प्रशासन ने इस सौदे को अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए जरूरी बताया। अमेरिका का कहना है कि यह सौदा भारत को एक प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में मजबूत करेगा, जो हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत और अमेरिका पिछले कुछ सालों से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं। इस तरह के उन्नत उपकरण भारत को अपने समुद्री क्षेत्रों में निगरानी और सुरक्षा के लिए एक मजबूत रणनीतिक बढ़त प्रदान करेंगे।
आने वाले सालों में और हेलिकॉप्टर शामिल होंगे
2025 तक, भारत सभी 24 MH-60R हेलिकॉप्टरों को नौसेना में शामिल कर लेगा। ये हेलिकॉप्टर समुद्री क्षेत्रों में गश्त, निगरानी, और पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए बेहद उपयोगी होंगे।