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M4 राइफल अमेरिका में कोल्ट द्वारा निर्मित एक अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल है। M4 राइफल अमेरिकी सेना का प्रमुख हथियार है और इसे नाइट-विज़न स्कोप या लेजर साइट जैसे उपकरणों के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत के पूर्वोत्तर में इस तरह का अत्याधुनिक हथियार मिलना बेहद चिंताजनक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह राइफल म्यांमार के रास्ते तस्करी से भारत में लाई गई होगी...
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📍इम्फाल | 2 months ago

Manipur M4 Rifle Recovery: 14 मई 2025 को मणिपुर के चंदेल जिले में भारत-म्यांमार सीमा के पास न्यू समताल गांव में असम राइफल्स ने इस ऑपरेशन में 10 उग्रवादियों को मार गिराया गया। उग्रवादियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है। खास बात यह है कि जखीरे में उग्रवादियों के पास से पहली बार अमेरिकी M4 राइफल भी बरामद हुई है। यह पहली बार है कि जब पूर्वोत्तर के उग्रवादियों से एम4 असाल्ट राइफल मिली है। पिछले साल अपुष्ट खबरें आईं थी कि यहां के उग्रवादियों के पास एम4 जैसी अत्याधुनिक राइफलें देखी गई हैं। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। एम4 राइफलें अभी तक जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के बाद बरामद हुई हैं। जो उन्हें पाकिस्तान सेना की तरफ से उपलब्ध कराई गईं।

Manipur M4 Rifle Recovery: कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?

मणिपुर का चंदेल जिला भारत-म्यांमार सीमा के करीब है, अपनी जटिल भौगोलिक स्थिति और उग्रवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। खेंगजॉय तहसील में पड़ने वाले न्यू समताल गांव एक पहाड़ी और जंगली इलाका है। यहां 398 किलोमीटर लंबी खुली सीमा हैं, जहां से उग्रवादी हथियारों की तस्करी को अंजाम देते हैं। 14 मई को असम राइफल्स को खुफिया जानकारी मिली कि इस क्षेत्र में कुछ सशस्त्र लोग छिपे हैं।

इस सूचना के आधार पर, असम राइफल्स की एक टुकड़ी ने गश्त शुरू की। जैसे ही जवान न्यू समताल के पास पहुंचे, उन पर सेना की वर्दी पहने उग्रवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। गोलियों की बौछार के बीच, असम राइफल्स के जवानों ने तुरंत कवर लिया और जवाबी कार्रवाई की। इस गोलीबारी में असम राइफल्स ने 10 उग्रवादियों को ढेर कर दिया। खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन में असम राइफल्स का कोई जवान घायल नहीं हुआ।

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M4 राइफल बरामद

गोलीबारी खत्म होने के बाद, असम राइफल्स ने इलाके की गहन तलाशी ली। इस दौरान उन्हें हथियारों का एक बड़ा जखीरा मिला, जिसमें सात AK-47 राइफलें, एक RPG लॉन्चर, चार सिंगल-बैरल ब्रीच-लोडिंग (SBBL) राइफलों के अलावा एक M4 राइफल भी बरामद हुई। इसके अलावा, भारी मात्रा में गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री, और सामरिक उपकरण जैसे रेडियो सेट और बैकपैक भी बरामद हुए। अभी तक वहां के उग्रवादियों से AK-47 जैसी राइफलें बरामद होती रही हैं। लेकिन एम4 राइफल का मिलना चौंकाने वाली बात है।

M4 राइफल अमेरिका में कोल्ट द्वारा निर्मित एक अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल है। M4 राइफल अमेरिकी सेना का प्रमुख हथियार है और इसे नाइट-विज़न स्कोप या लेजर साइट जैसे उपकरणों के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत के पूर्वोत्तर में इस तरह का अत्याधुनिक हथियार मिलना बेहद चिंताजनक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह राइफल म्यांमार के रास्ते तस्करी से भारत में लाई गई होगी। म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध ने वहां हथियारों की कालाबाजारी को बढ़ावा दिया है, और वहीं से ये हथियार भारत के उग्रवादी समूहों तक पहुंच रहे हैं। 2024 में मणिपुर पुलिस ने 161 हथियार बरामदगी की घटनाओं की सूचना दी, जिसमें विदेशी मूल के हथियार शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि इस बात का पता लगाया जा रहा है कि उग्रवादियों के पास ये एम4 राइफल कहां से आई है। असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस इस राइफल के ऑरिजन और इसके सीरियल नंबर की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर के उग्रवादी समूहों ने M4 राइफल को अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलरों से खरीदा हो सकता है। यह खरीद म्यांमार के रास्ते हुई हो सकती है, जहां मैतई और कुकी उग्रवादी समूह सक्रिय हैं।

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सूत्रों का कहना है, एम4 राइफल मिलने का मतलब यह है कि यहां अब जल्दी शांति नहीं लौटने वाली है। उग्रवादी गुट बड़ी तैयारी कर रहे हैं और यहां अस्थिरता फैलाने की फिराक में हैं। यह इस बाक संकेत हैं कि उग्रवादी समूह अब म्यांमार के जरिए अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजारों तक पहुंच बना रहे है। उन्होंने कहा कि अगर यह पहली बार है, तो यह उग्रवादियों की बढ़ती सैन्य क्षमता का संकेत है।

मणिपुर में 2023 में शुरू हुई थी हिंसा

मणिपुर लंबे समय से उग्रवाद और जातीय हिंसा से जूझ रहा है। मई 2023 से मैतई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच हिंसा ने 130 से ज्यादा लोगों की जान ली और 400 से ज्यादा घायल हुए। चंदेल जिला उग्रवादियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना रहा है। यह इलाका नगा और अन्य आदिवासी समुदायों का गढ़ है। यहां उग्रवादी समूह उगाही, हथियार तस्करी, और सीमा पार हमलों में शामिल रहते हैं।

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असम राइफल्स ने 2024 में 425 से ज्यादा ऑपरेशन किए, जिनमें 1,000 से अधिक हथियार बरामद हुए। चंदेल और उखरूल जैसे जिलों में अवैध अफीम की खेती को भी नष्ट किया गया। इस साल जनवरी में ही 13 उग्रवादियों को पकड़ा गया और 35 हथियार जब्त किए गए।

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