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📍नई दिल्ली | 8 months ago

Defence: रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 3 दिसंबर 2024 को पांच प्रमुख डिफेंस इक्विपमेंट्स की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन प्रस्तावों में कुल 21,772 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इन उपकरणों का उद्देश्य भारतीय सेना की क्षमता को और मजबूत करना है और हमारी सुरक्षा में बढ़ोतरी करना है।

Defence: DAC Approves 5 Proposals Worth Rs. 21,772 Crores to Strengthen India's Defence Preparedness

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दी। इन प्रस्तावों के तहत भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल को अत्याधुनिक रक्षा उपकरण प्राप्त होंगे, जो समुद्र और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति को और बेहतर करेंगे।

1. Defence: वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट (Water Jet Fast Attack Crafts) की खरीद:

DAC ने भारतीय नौसेना के लिए 31 जल जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट (NWJFACs) की खरीद को मंजूरी दी है। ये क्राफ्ट समुद्र के किनारे की निगरानी, गश्त, और खोज एवं बचाव कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इन क्राफ्टों का इस्तेमाल विशेष रूप से एंटी-पाइरेसी मिशनों में किया जाएगा, जो हमारे समुद्री क्षेत्र और द्वीप क्षेत्रों के आसपास सुरक्षा में मदद करेंगे। यह कदम समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।

2. फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (Fast Interceptor Craft) की खरीद:

भारतीय नौसेना के लिए 120 तेज इंटरसेप्टर क्राफ्ट (FIC-1) की भी खरीद को मंजूरी दी गई है। यह क्राफ्ट एयरक्राफ्ट कैरियर, डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और पनडुब्बियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। यह तेज क्राफ्ट तटीय रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देंगे।

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3. इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली (Electronic Warfare Suite):

DAC ने SU-30 MKI विमान के लिए एक उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली (EWS) की खरीद को मंजूरी दी है। इसमें एयरबॉर्न सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स और अगला पीढ़ी का रडार वार्निंग रिसीवर शामिल है। यह प्रणाली SU-30 MKI को शत्रु के रडार और रक्षा प्रणालियों से बचाने में मदद करेगी और उसे शत्रु के विमानों और मिसाइलों से सुरक्षित रखते हुए मिशन में सफलता प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी। यह प्रणाली भारतीय वायु सेना की ताकत को और बढ़ाएगी, विशेष रूप से उन अभियानों में जहां शत्रु की हवाई रक्षा प्रणाली मौजूद होती है।

4. उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (Advanced Light Helicopters):

भारतीय तटरक्षक बल के लिए 6 उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH-MR) की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। ये हेलीकॉप्टर तटीय सुरक्षा और निगरानी को मजबूत करेंगे। तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन हेलीकॉप्टरों का विशेष रूप से उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही तटीय सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ये हेलीकॉप्टर तटरक्षक बल के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होंगे।

5. पुराने टैंक और विमानों की मरम्मत:

इसके अलावा, DAC ने T-72 और T-90 टैंकों, BMP वाहनों और सुखोई लड़ाकू विमानों के इंजन की ओवरहालिंग के लिए मंजूरी दी है। इससे इन महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की सेवा जीवन में वृद्धि होगी और इन्हें और अधिक प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह कदम भारतीय सेना की ताकत को बनाए रखने में मदद करेगा और रक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा।

बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत कदम

भारत के रक्षा विभाग द्वारा इन प्रस्तावों को मंजूरी देने का निर्णय आने वाले समय में हमारी सुरक्षा स्थिति को मजबूत करेगा। आजकल समुद्र और तटीय क्षेत्रों में बढ़ती चुनौतियों के बीच यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। आतंकवाद, समुद्री लूटपाट और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ जैसी समस्याओं को लेकर हमारी सेनाओं को हमेशा तैयार रहना होता है। इन नए उपकरणों के अधिग्रहण से भारतीय सेना और नौसेना की तैयारियों में और अधिक मजबूती आएगी।

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