📍नई दिल्ली | 3 months ago
Pahalgam Attack Fallout: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। इस आतंकी हमले में 28 लोगों की जान गई और कई घायल हुए। इस हमले के जवाब में भारत ने कठोर कूटनीतिक कदम उठाए, जिसके बाद पाकिस्तान ने अरब सागर में नोटिस टू एयरमेन/मैरिनर्स (NOTAM) जारी किया और अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने और अन्य कूटनीतिक प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिससे पाकिस्तान में बेचैनी साफ दिख रही है।
Pahalgam Attack Fallout: अरब सागर में NOTAM और लाइव फायर एक्सरसाइज
पाकिस्तान ने बुधवार को अरब सागर के लिए एक NOTAM (Notice to Airmen/Mariners) जारी किया है, जिसमें 24 और 25 अप्रैल को नौसैनिक लाइव फायर एक्सरसाइज की जानकारी दी गई है। यह इलाका पाकिस्तान की समुद्री सीमा के पास स्थित है। इस अभ्यास के दौरान मिसाइल टेस्ट भी शामिल है। सुरक्षा विशेषज्ञ इसे भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका से जोड़कर देख रहे हैं।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने एययर डिफेंस सिस्टम्स को भी हाई अलर्ट पर रखा है और अपने हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (Airborne Warning and Control System- AWACS) विमानों को नियमित रूप से उड़ान भरने के लिए तैनात किया है ताकि भारतीय विमानों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
बता दें कि जब पहलगाम हमला हुआ तो पाकिस्तान की सेना पहले से ही भारत के साथ पश्चिमी सीमा के पास एक सैन्य अभ्यास कर रही थी। हमले के बाद, नियंत्रण रेखा (LoC) के साथ पाकिस्तानी सैन्य गतिविधियों में तेजी देखी गई है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह पाकिस्तान की ओर से एक डिफेंसिव स्ट्रेटेजी है, क्योंकि उसे 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत की सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों का डर है।
Pahalgam Attack Fallout: भारत की तरफ से सैन्य गतिविधियां सामान्य: सूत्र
हालांकि भारत की रक्षा एवं सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने पाकिस्तान की इस सक्रियता को लेकर फिलहाल किसी असामान्य मिलिट्री मूवमेंट की पुष्टि नहीं की है। उनका कहना है कि आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की गतिविधियां ऑपरेशनल प्रकृति की हैं। लेकिन साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा (LoC) पर मिलिट्री मूवमेंट बढ़ गया है।
#BREAKING: Indian Government set to suspend the Beating Retreat ceremony at the Attari-Wagah border near Amritsar, Punjab — official orders expected shortly.
Finally, a long-awaited move!#PahalgamTerroristAttack #IndiaPakistan #AttariWagah #BeatingRetreat #DiplomaticTensions… https://t.co/d1xzVlooVS pic.twitter.com/pTBX0C1nfo— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) April 24, 2025
Pahalgam Attack Fallout: “सभी विकल्प खुले हैं”
भारत सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके समर्थकों को भी सजा मिलेगी। यह बयान ऐसे समय आया है जब 2016 में उरी और 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक जैसे जवाबी कदम उठाए थे।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस विषय पर कई उच्चस्तरीय बैठकें की हैं। भारत की प्रतिक्रिया को लेकर कहा गया है कि “सभी विकल्प खुले हैं”, और यह फैसला केवल ‘नीड टू नो’ आधार पर लिया जाएगा।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने अपनी प्रतिक्रिया के तौर पर कड़े कूटनीतिक संदेश दिए हैं। 23 अप्रैल को देर रात कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में कई बड़े फैसलों की घोषणा की। इनमें सबसे अहम है 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना। भारत ने कहा कि यह फैसला तब तक लागू रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह से बंद नहीं करता।
सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का लगभग 80% पानी मिलता है, जो उसकी अर्थव्यवस्था और कृषि की रीढ़ है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस कदम का तत्काल प्रभाव तो नहीं होगा, लेकिन लंबे समय में पाकिस्तान को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है, जो उसके लिए एक बड़ा संकट होगा।
इसके अलावा, भारत ने कई दूसरे कूटनीतिक कदम भी उठाए हैं। इनमें भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। साथ ही, पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) वीजा छूट योजना के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पहले से जारी ऐसे वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया और उन्हें एक हफ्ते में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। साथ ही, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से भारत अपने रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाएगा। इसके साथ ही, दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया गया, जो 1 मई से प्रभावी होगा।
भारत ने साफ कर दिया है कि पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके स्पॉन्सर्स को जवाबदेह ठहराया जाएगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि सीसीएस की बैठक में हमले के सीमा पार संबंधों पर बात हुई, जिसका इशारा पाकिस्तान की ओर था। भारत ने हाल ही में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण जैसे कदमों से दिखाया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरतेगा।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत की ओर से अभी कोई सैन्य कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। लेकिन यह भी कहा गया कि भारत का जवाब “कब और कहां” आएगा, यह केवल उच्चतम स्तर पर तय होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कई बैठकें की हैं, जिसमें सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
वहीं, पाकिस्तान का अरब सागर में एक्सरसाइज करना बताता है कि वह भारत के संभावित जवाब से डरा हुआ है। सिंधु जल संधि पर रोक उसके लिए सबसे बड़ा झटका है, क्योंकि उसकी 65% जमीन और दो-तिहाई आबादी सिंधु नदी बेसिन पर निर्भर है। पानी की कमी से पाकिस्तान में कृषि संकट, खाद्य असुरक्षा और सामाजिक अशांति बढ़ सकती है।
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इसके अलावा, अटारी चेक पोस्ट बंद होने और SAARC वीजा नियमों में बदलाव से दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार और लोगों का आवागमन पूरी तरह रुक जाएगा। उच्चायोगों के कर्मचारियों की संख्या घटने से कूटनीतिक रिश्ते और कमजोर होंगे। ये कदम पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा हैं।
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