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📍नई दिल्ली | 6 months ago

India-France Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में फ्रांस की यात्रा पर जा सकते हैं, जहां वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट में भाग लेंगे। इस यात्रा के दौरान, भारत और फ्रांस के बीच दो बड़े रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। ये समझौते राफेल-M लड़ाकू विमानों और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को लेकर हैं।

India-France Deal: CCS Approval Likely Next Week for 26 Rafale-M Jets and 3 Scorpene Submarines, PM Modi to Visit Paris in February
Source @macaskeel

सूत्रों के अनुसार, इन रक्षा सौदों की कुल लागत 10 अरब डॉलर (83,000 करोड़ रुपये) से अधिक होगी। इनमें भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए 26 राफेल-M लड़ाकू विमानों की खरीद और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है। अगले हफ्ते कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) इन समझौतों की अपनी मंजूरी दे सकती है।

India-France Deal: 10-11 फरवरी को पेरिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट

फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय ने पहले ही पुष्टि कर दी है कि प्रधानमंत्री मोदी को 10-11 फरवरी को आयोजित होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट के लिए आमंत्रित किया गया है। यह समिट वैश्विक AI क्षेत्र को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने पर केंद्रित होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। उम्मीद की जा रही है कि इन दौरान इन रक्षा सौदों पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है।

भारतीय नौसेना को चाहिए राफेल-M जैसे फाइटर जेट

भारतीय नौसेना को राफेल-M जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की सख्त जरूरत है। ये विमान नौसेना के दो विमान वाहक पोतों आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे। इस डील में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर राफेल-M जेट्स शामिल होंगे।

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पनडुब्बियों की बात करें, तो तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के बेड़े को मजबूत करेंगी। मौजूदा स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और फ्रांस की नेवल ग्रुप के सहयोग से हो रहा है। पहले हुए अनुबंध में शामिल छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों में से पांच पहले ही नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। वहीं, छठी पनडुब्बी, आईएनएस वागशीर  को इसी महीने 15 जनवरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

इन सौदों के अलावा, भारत रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने दो स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए 2,867 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स पर हस्ताक्षर किए, जिनमें एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन मॉड्यूल और भारी टॉरपीडो जैसे स्वदेशी उपकरण शामिल हैं।

राफेल-M और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का सौदा भारत की समुद्री क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल भारतीय नौसेना को और सक्षम बनाएगा, बल्कि भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी को भी नई दिशा देगा। इन सौदों से भारतीय नौसेना अपने मिशनों को प्रभावी ढंग से अंजाम देने में सक्षम होगी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करेगी।

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इससे पहले पिछले साल दो दिसंबर को नेवी डे के मौके नौसेना प्रमुख एडमिरल एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने अपने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दोनों डील अंतिम चरण में हैं और अगले महीने तक पूरी हो सकती हैं। उन्होंने बताया, “यह केवल औपचारिकताओं को पूरा करने का मामला है। हमें उम्मीद है कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी और राफेल-M डील पर जल्द ही दस्तखत हो जाएंगे।

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उन्होंने कहा राफेल-M डील के बारे में कहा था कि यह CCS की मंजूरी से एक कदम दूर है। मंजूरी मिलते ही समझौता साइन कर लिया जाएगा, और क्योंकि यह सरकार-से-सरकार का सौदा है, इसे तेजी से लागू किया जाएगा। राफेल-M डील में 22 सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान और चार ट्विन-सीटर ट्रेनर शामिल हैं। यह सौदा नौसेना की तत्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए है, जब तक कि स्वदेशी ट्विन-इंजन डेक आधारित फाइटर तैयार नहीं हो जाता।

नौसेना के पास दो विमानवाहक पोत 

भारतीय नौसेना वर्तमान में दो विमानवाहक पोत संचालित करती है आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत। इन पर राफेल-M जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों की तैनाती बेहद जरूरी है। साथ ही, aging fleet और प्रोजेक्ट-75I के तहत छह एडवांस पनडुब्बियों की देरी को देखते हुए, तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियां नौसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगी।

चीप, पाकिस्तान पर कही थी ये बात

एडमिरल त्रिपाठी ने पाकिस्तानी नौसेना को लेकर कहा था, “हम जानते हैं कि पाकिस्तान 50 जहाजों वाली नौसेना बनाने की कोशिश कर रहा है। उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह आश्चर्यजनक है कि वे इस विस्तार के लिए फंड कहां से ला रहे हैं। वहीं, एडमिरल ने भारतीय महासागरीय क्षेत्र (Indian Ocean Region) में चीन की गतिविधियों पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि नौसेना ने पिछले 12 महीनों में पीएलए नेवी (PLA Navy) के जहाजों और अनुसंधान पोतों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी है। उन्होंने कहा, “महासागर सभी के लिए खुले हैं, जब तक वे हमारी सुरक्षा को प्रभावित नहीं करते।”

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एडमिरल त्रिपाठी ने यह भी बताया था कि भारतीय शिपयार्डों में फिलहाल 62 जहाज और एक पनडुब्बी निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, 31 नए जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से सभी को भारत में ही बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “2025 में हर महीने एक नया जहाज नौसेना में शामिल किया जाएगा।”

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