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📍नई दिल्ली | 7 months ago

Pakistan Army Exercise: पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में पंजाब प्रांत में भारतीय सीमा के करीब इंटरनेशनल बॉर्डर के पास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रही है। इस अभ्यास में हमलावर हेलिकॉप्टर, हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर, टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां और हॉवित्ज़र तोपों जैसे बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अभ्यास दिसंबर 2024 के पहले सप्ताह में शुरू हुआ और फिलहाल जारी है।

Pakistan Army Exercise: Covert Drills Near LoC with Attack Helicopters and Tanks

Pakistan Army Exercise: गांव की तंग गलियों में फंसी हॉवित्ज़र तोपें

स्थानीय लोगों के अनुसार, अभ्यास के दौरान भारी सैन्य टुकड़ियों को पंजाब प्रांत के गांवों से गुजरते हुए देखा गया। शाम के समय की कुछ झलकियां भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जहां पाकिस्तानी सेना की हॉवित्ज़र तोपों को गांव की तंग गलियों में फंसे हुए देखा गया।

Pakistan Army Exercise: पाकिस्तान के पास पुरानी एटीजीएम

रक्षा विशेषज्ञ और रिटायर्ड कर्नल रोहित वत्स बताते हैं कि कोबरा अटैक हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल में एक खास रणनीति देखी जाती है। दोनों पक्षों के गनशिप अपनी उपस्थिति को छुपाने के लिए कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं और लक्ष्य को निशाना बनाने तथा एंटी-टैंक मिसाइल फायर करने के लिए ऊंचाई पर उठते हैं।

हालांकि, इसमें बड़ा फर्क मिसाइल तकनीक का है। पाकिस्तानी गनशिप दूसरी पीढ़ी की वायर-गाइडेड एटीजीएम (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) का उपयोग करते हैं, जबकि भारतीय गनशिप तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइलें दागते हैं।

Pakistan Army Exercise: Covert Drills Near LoC with Attack Helicopters and Tanks

इसका मतलब है कि पाकिस्तानी गनशिप को मिसाइल दागने के बाद अपनी स्थिति बनाए रखनी पड़ती है ताकि ऑपरेटर मिसाइल को लक्ष्य तक गाइड कर सके। वहीं, भारतीय गनशिप मिसाइल फायर करने के बाद तुरंत अपनी जगह बदल सकते हैं या नई फायरिंग पोजीशन पर जा सकते हैं, क्योंकि भारतीय मिसाइलें खुद-ब-खुद अपने लक्ष्य को खोजने और नष्ट करने में सक्षम होती हैं।

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इस दौरान, पाकिस्तानी गनशिप, मिसाइल को गाइड करने के लिए अपनी स्थिति बनाए रखते हुए, बेहद असुरक्षित हो जाते हैं और इन्हें दुश्मन के हमले का खतरा रहता है।

आतंकवाद के गढ़ मुजफ्फराबाद में विशेष ट्रेनिंग

पाकिस्तान ने इससे पहले अगस्त 2024 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर हाई अलर्ट जारी किया था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पाकिस्तान ने मुजफ्फराबाद में एक बड़ी क्विक रिस्पॉन्स ट्रेनिंग का अभ्यास किया था। इस इलाके को आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है। इस ट्रेनिंग में पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के कमांडो भी शामिल थे।

क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) का यह अभ्यास किसी हमले की स्थिति में सेना की तैयारियों को परखने के लिए आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी आपात स्थिति में सेना कितनी तेजी से जवाब दे सकती है।

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आतंकवादी गतिविधियों के लिए योजनाएं

मुजफ्फराबाद में आयोजित इस अभ्यास को खुफिया एजेंसियां चिंताजनक मान रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में आतंकवादियों के कई कैंप सक्रिय हैं। अभ्यास के दौरान पाक सेना की वे सभी यूनिट शामिल थीं, जो एलओसी के पास तैनात हैं।

खास बात यह है कि एसएसजी कमांडो, जो आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने और भारत में घुसपैठ में मदद करने के लिए कुख्यात हैं, भी इस अभ्यास का हिस्सा थे।

एलओसी पर पाकिस्तानी गतिविधियां तेज!

पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT), जिसमें एसएसजी कमांडो और आतंकवादी शामिल होते हैं, एलओसी पर सक्रिय देखी गई है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान को भारत की ओर से संभावित सर्जिकल स्ट्राइक या किसी और जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है।

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पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में यात्रियों से भरी बस पर हमले और अन्य आतंकवादी घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अलर्ट जारी किया है।

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने पीओके में अपनी 10वीं कोर, जिसकी जिम्मेदारी पूरे पीओके की सुरक्षा है, में सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। इसके अलावा, बहावलपुर स्थित 31वीं कोर को भी अलर्ट पर रखा गया है।

बहावलपुर वही इलाका है जहां आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय स्थित है। हाल ही में पाक सेना ने अपनी आर्टिलरी रेजिमेंट की तैनाती को भी नए सिरे से व्यवस्थित किया है ताकि तनाव की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सके।

पाकिस्तान और चीन की नई योजनाएं भी खुफिया एजेंसियों की नजरों में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पर बढ़ती गतिविधियों के पीछे दोनों देशों की गहरी रणनीतिक साजिश हो सकती है।

भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां सीमा पर पाकिस्तान की इन गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं। स्थिति लगातार बदल रही है, और भारत के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाए और पड़ोसी देशों की चालों का सटीक जवाब दे।

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