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📍नई दिल्ली | 7 months ago

China on LAC: सीमा विवाद को लेकर चीन और भारत के बीच डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे इलाकों में चीन की गतिविधियां जारी हैं। चीन ने एलएसी से 60 किलोमीटर दूर अपने इलाके में गतिविधियों को तेज कर दिया है। सैटेलाइट इमेजरी के मुताबिक, चीन यहां अंडरग्राउंड फैसिलिटी का विस्तार कर रहा है। इस फैसिलिटी को बनााने का मकसद चीनी सेना (PLA) को रणनीतिक बढ़त देना और अपनी क्षमताओं को बढ़ाना बताया जा रहा है। इससे पहले जो सैटेलाइट इमेज सामने आई थीं, उसमें चीन पैंगोंग झील के पास फिंगर-4 से आगे बड़े स्तर पर निर्माण कार्यों को अंजाम दे रहा है।

China on LAC: China Expands Underground Facility Near India Amid Border Tensions
Credit: Damien Symon

हाल ही में जारी कई सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में जुटा हुआ है। चीन ने भारत-चीन सीमा के पास पहले से मौजूद अंडरग्राउंड सुविधा का बड़े पैमाने पर विस्तार करना शुरू कर दिया है। यह साइट 2015-16 में बनाई गई थी, लेकिन अब इसे और मजबूत और बड़ा किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह चीन की सैन्य रणनीति और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए तैयार की जा रही है।

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China on LAC: सैटेलाइट इमेज में क्या दिखा?

सैटेलाइट इमेजरी में पूर्वी लद्दाख के पास स्थित इस अंडरग्राउंड सुविधा में नई सुरंगों और इमारतों का निर्माण साफ नजर आ रहा है। यह फैसिलिटी भारत के डेमचोक क्षेत्र से लगभग 60 किलोमीटर दूर नागरी में स्थित है। इसमें कई प्री-एग्जिस्टिंग पोर्टल और सपोर्ट बिल्डिंग्स को जोड़कर और बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किय जा रहा है।

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विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्ट्रक्चर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए एक सुरक्षित स्थान यानी किले के रूप में तैयार किया जा रहा है। यहां हथियारों और सैन्य उपकरणों को सुरक्षित रखने और आवश्यकतानुसार उपयोग करने के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि यह निर्माण कार्य तेज गति से हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम चीन की सैन्य रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह विवादित क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।

  • मल्टीपल पोर्टल्स: साइट पर कई प्री-एग्जिस्टिंग पोर्टल्स हैं, जिन्हें और ज्यादा मजबूत किया जा रहा है।
  • नई सुरंगें: सैटेलाइट इमेजरी में नए पोर्टल्स का निर्माण दिखा है, जो अंडरग्राउंड गतिविधियों को आसान बना सकते हैं।
  • सपोर्ट बिल्डिंग्स: साइट पर सपोर्ट बिल्डिंग्स और कंस्ट्रक्शन साइट साफ नजर आ रही हैं, जो इसके लॉजिस्टिक्स को संभालने में मदद करेंगी।

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LAC पर क्या हो रहा है?

हालांकि, 2021 में पेंगोंग त्सो क्षेत्र में समझौते के बाद, कई फ्रिक्शन पॉइंट्स से सैनिकों को वापस बुलाया गया। हाल ही में डेपसांग और डेमचोक में भी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हुई। भारत ने उम्मीद जताई थी कि इससे सीमा पर स्थायी शांति स्थापित होगी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संसद में कहा था, “हमारी प्राथमिकता थी कि टकराव वाले इलाकों से सैनिक हटाए जाएं। यह काम पूरा हो चुका है। अब अगली प्राथमिकता है सीमा पर सेना की तैनाती को कम करना।”

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हालांकि, चीन की गतिविधियां दिखाती हैं कि वह पीछे हटने के बावजूद अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा है।

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India-China: Despite Disengagement, China Continues Construction Beyond Finger-4 at Pangong Lake
Source: Damien Symon

China on LAC: पेंगोंग त्सो झील के पास गतिविधियां

पेंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर चीन तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। सैटेलाइट इमेज में नई इमारतें और हेलिपैड के साथ सड़कों और पुलों का निर्माण देखा गया है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा माना जाता है, लेकिन 1959-62 के बीच चीन ने इस पर कब्जा जमा लिया था।

रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय रैना ने कहा, “चीन अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। भारत अभी भी सिरिजाप और खुर्नाक को अपना मानता है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति बदल चुकी है।”

सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि सिरिजाप और खुरनाक क्षेत्र में चीन तेजी से निर्माण कर रहा है। सिरिजाप में अस्थायी ढांचों की जगह अब बड़े और स्थायी निर्माण हो चुके हैं। खुरनाक किले में पुराने ढांचों को तोड़कर नई दीवारें और सड़कों का निर्माण किया गया है।

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देपसांग में बनाया नया ठिकाना

सैटेलाइट इमेजरी से यह भी सामने आया है कि देपसांग के पीछे की स्थिति में चीनी सेना ने नए ठिकानों का निर्माण किया है। यह स्थान चिप चाप नदी के पास स्थित है। नई सुविधाओं में बड़े पैमाने पर सैन्य शिविर और हेलिपैड शामिल हैं। यह निर्माण चीन की सेना के दक्षिणी शिंजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट द्वारा किया जा रहा है।

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देपसांग क्षेत्र में PLA ने अपने पुराने स्थान से 3 किलोमीटर पीछे हटकर नया शिविर बनाया है। यह शिविर चिप चप नदी से 7 किलोमीटर दक्षिण में है। सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चला है कि PLA ने एक और शिविर लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थापित किया है।

भारत-चीन वार्ता: NSA अजीत डोभाल की बैठक

हाल ही में बीजिंग में भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। इसमें NSA अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भाग लिया। बैठक में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की बात कही गई, ताकि दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य हो सकें। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, “दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखना भारत-चीन संबंधों के सामान्य विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”

चीन की रणनीतिक तैयारियां

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह निर्माण कार्य उसकी “स्लामी स्लाइसिंग” रणनीति का हिस्सा है। यह रणनीति छोटे-छोटे कदमों के जरिए विवादित क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोशिश है। देपसांग और पेंगोंग त्सो के आसपास की गतिविधियां इस बात का संकेत हैं कि चीन अपनी सैन्य उपस्थिति को और मजबूत करने के प्रयास में है।

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