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📍नई दिल्ली | 7 months ago

Exercise Himshakti: लद्दाख में तैनात भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स (Fire and Fury Corps) ने चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जबरदस्त फायरपावर का प्रदर्शन कर पूरी दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया है। हाल ही में जारी एक वीडियो में भारतीय सेना के तोपों की गूंज बर्फ से ढके हिमालय की ऊंचाइयों पर सुनाई दी। यह सैन्य अभ्यास 14,500 फीट की ऊंचाई पर हुआ, जहां तापमान माइनस 35 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था।

Exercise Himshakti: Indian Army artillery firepower echoes at -35°C on LAC

इन कठिन परिस्थितियों में भी भारतीय तोपखाने के जवानों ने अपनी उत्कृष्ट निपुणता और अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास ने भारतीय सेना के दृढ़ संकल्प और जज़्बे को पूरी दुनिया के सामने रख दिया। भारतीय जवानों की यह तैयारी देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

Exercise Himshakti का समय और संदर्भ

हिमशक्ति युद्धाभ्यास एक महत्वपूर्ण समय पर हुआ है, जब हाल ही में भारत और चीन के बीच डिसएंगेजमेंट समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों ने देपसांग प्लेन्स और डेमचोक के दो प्रमुख विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति जताई है। लंबे समय तक चले तनाव और विवाद के बाद यह समझौता सीमा पर शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

इस अभ्यास के जरिए भारतीय सेना ने साफ संदेश दिया है कि वह सिर्फ कूटनीति पर निर्भर नहीं है, बल्कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Exercise Himshakti: Indian Army artillery firepower echoes at -35°C on LAC

बर्फीले इलाकों में भारतीय सेना का हौसला

14,500 फीट की ऊंचाई पर दुर्लभ वायु दबाव और माइनस 35 डिग्री की जानलेवा ठंड के बीच तोपों की गड़गड़ाहट एक अनोखा नज़ारा था। भारतीय सेना के ‘टॉप गन गनर्स’ ने यह साबित किया कि चाहे मौसम कितना भी प्रतिकूल क्यों न हो, उनकी सटीक निशानेबाजी और मजबूत हौसले को कोई डिगा नहीं सकता।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का यह प्रदर्शन बेहद हाई एल्टीट्यूड इलाके में किया, जहां सांस लेना भी मुश्किल होता है। लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने दुर्गम परिस्थितियों में भी यह अभ्यास कर दिखाया कि देश की सुरक्षा के लिए वे हर चुनौती को पार करने में सक्षम हैं।

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वहीं, इस सैन्य अभ्यास के जरिए भारत के रक्षा आधुनिकीकरण और तकनीकी सशक्तिकरण की झलक भी देखने को मिली। सेना ‘Year of Tech Absorption’ और ‘Tech Infused Future Ready’ जैसी पहलों के तहत अपनी क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रही है।

भारतीय सेना की यह तैयारी यह दिखाती है कि देश के सैनिक सालभर दुर्गम इलाकों में तैनात रहते हुए अपनी ऑपरेशनल रेडीनेस पर पूरा ध्यान देते हैं। चाहे वह तकनीकी साजो-सामान हो या अत्याधुनिक आर्टिलरी, सेना लगातार खुद को मजबूत और आधुनिक बना रही है।

राजनयिक वार्ता के बीच सख्त संदेश

इस अभ्यास का समय बेहद खास है, क्योंकि अगले दो दिनों में भारत और चीन के बीच बेहद अहम बातचीत होने जा रही है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगे। यह चर्चा विशेष प्रतिनिधि (SR) स्तर की वार्ता होगी, जो गलवान संघर्ष के बाद पांच साल में पहली बार हो रही है।

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इस वार्ता का उद्देश्य LAC पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए एक रोडमैप तैयार करना है। हालांकि, इस बीच भारतीय सेना का यह अभ्यास एक सख्त संदेश देता है कि भले ही बातचीत के जरिए शांति की कोशिशें जारी हैं, लेकिन देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना पूरी तरह तैयार है।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स यानी 14 कोर भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लद्दाख जैसे दुर्गम और ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात है। यह कॉर्प्स बेहद सटीक फायरपावर और मजबूत रणनीतियों के लिए जानी जाती है। चाहे -35 डिग्री की कड़ाके की ठंड हो या बर्फीली हवाओं का कहर, फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के जवान किसी भी परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाते हैं।

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सेना का अडिग संकल्प

भारतीय सेना का यह अभ्यास इस बात का प्रमाण है कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमारे जवान देश की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं करते। उन्होंने बर्फ की चादर से ढके लद्दाख में जिस सटीकता और ताकत का प्रदर्शन किया है, वह देशवासियों के मन में विश्वास और गर्व की भावना को और मजबूत करता है।

सेना का यह प्रदर्शन न सिर्फ भारत की रक्षा तैयारियों को दर्शाता है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार है।

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