📍नई दिल्ली | 8 months ago
Siachen Glacier: सियाचिन ग्लेशियर, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा और ठंडा युद्धक्षेत्र है, एक बार फिर चर्चा में है। 29 नवंबर 2024 को फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला, एससी**, एसएम, वीएसएम, ने इस क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरे का मकसद सियाचिन की दुर्गम परिस्थितियों में तैनात जवानों से बातचीत करना, उनका हौसला बढ़ाना और उनकी तैयारियों का जायजा लेना था।
Siachen Glacier: दुर्गम परिस्थितियों में तैनात जवानों का मनोबल बढ़ाया
लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला ने जवानों से बातचीत के दौरान उनके साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने जवानों को प्रोत्साहित किया कि वे इसी उत्साह और दृढ़ता के साथ अपने कार्यों में लगे रहें। यह क्षेत्र जहां तापमान अक्सर -50 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है, वहां तैनात जवानों का जज्बा और देशभक्ति की भावना काबिले-तारीफ है। जीओसी ने जवानों से कहा, “आपका साहस और बलिदान ही देश की सुरक्षा का आधार है।”
GOC FIRE AND FURY CORPS VISITS SIACHEN GLACIER
Lt Gen Hitesh Bhalla SC**, SM, VSM, GOC #FireFuryCorps visited Siachen Glacier on 29 November 2024. He interacted with the troops posted at the World’s Highest & Coldest Battle Field and encouraged them to remain steadfast in their… pic.twitter.com/TZ3fAkT3Wf
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) November 29, 2024
ऑपरेशनल तैयारियों का किया निरीक्षण
दौरे के दौरान जीओसी ने सियाचिन में तैनात यूनिट्स की ऑपरेशनल तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जवान किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। लेफ्टिनेंट जनरल भल्ला ने यहां की कड़ी जलवायु और दुर्गम इलाके में जवानों की रणनीतिक तैयारियों को देखकर संतोष जताया और कहा कि सियाचिन में उनकी उपस्थिति ही दुश्मन को एक कड़ा संदेश है।
जवानों की हौसलाअफजाई के लिए खास प्रयास
इस दौरे के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल भल्ला ने जवानों के साथ समय बिताया और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि सेना उनकी जरूरतों और सुविधाओं का पूरा ख्याल रख रही है। जवानों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह वे इन कठोर परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
सियाचिन: देशभक्ति और चुनौती का प्रतीक
सियाचिन ग्लेशियर का नाम सुनते ही भारतवासियों के दिल में गर्व की भावना जाग जाती है। यह क्षेत्र 1984 से भारतीय सेना के नियंत्रण में है और तब से यहां जवान हर मौसम में तैनात रहते हैं। यहां का जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है। ऑक्सीजन की कमी, तीव्र ठंड, और दुर्गम इलाके, ये सब इस स्थान को दुनिया के सबसे मुश्किल क्षेत्रों में से एक बनाते हैं।
आधुनिक उपकरणों और सुविधाओं का उपयोग
सियाचिन में तैनात जवानों के लिए आधुनिक उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेफ्टिनेंट जनरल भल्ला ने इन इक्पिवमेंट्स और सुविधाओं का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि जवानों को हर संभव मदद मिले। सेना ने सियाचिन में ऑपरेशनल तैयारियों को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें बेहतर टेंट, गर्म कपड़े, और पोषण युक्त भोजन शामिल हैं।
सियाचिन का रणनीतिक महत्व
सियाचिन ग्लेशियर का रणनीतिक महत्व केवल इसकी ऊंचाई या जलवायु के कारण नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक स्थिति में भी अहम भूमिका निभाता है। भारत की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा के लिए सियाचिन में भारतीय सेना की उपस्थिति बेहद महत्वपूर्ण है। यहां तैनात जवानों का साहस और बलिदान पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
जवानों के लिए प्रेरणादायक क्षण
लेफ्टिनेंट जनरल भल्ला का यह दौरा जवानों के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा। उनकी उपस्थिति ने जवानों को न केवल मनोबल बढ़ाने का काम किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि देश उनके बलिदान और कठिनाइयों को समझता है। जीओसी ने जवानों को प्रेरित करते हुए कहा, “देश आप पर गर्व करता है और आपकी सेवा के लिए सदैव आभारी रहेगा।”
सियाचिन में सेना का मिशन जारी
सियाचिन में भारतीय सेना का मिशन ऑपरेशन मेघदूत केवल सीमा की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दुश्मन को यह संदेश देने का भी है कि भारत अपनी भूमि की रक्षा के लिए हर समय तैयार है। यहां तैनात जवान न केवल अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, बल्कि देश के हर नागरिक के दिल में एक खास जगह बना रहे हैं।
जवानों की कड़ी मेहनत को सलाम
सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात जवानों की कड़ी मेहनत, समर्पण और साहस को हर भारतीय सलाम करता है। यह दौरा एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय सेना हर स्थिति में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है।
लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला का सियाचिन दौरा न केवल जवानों के लिए उत्साहवर्धक रहा, बल्कि यह देशवासियों के लिए भी यह संदेश था कि सियाचिन के ये वीर सैनिक भारत की सुरक्षा के लिए हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है।