📍नई दिल्ली | 8 months ago
TECHNOLOGY DEVELOPMENT FUND: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और स्वदेशी तकनीकों के विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुरू की गई टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) योजना के तहत शानदार प्रगति हुई है। जनवरी 2023 से अब तक इस योजना के तहत 120 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 43.89 करोड़ रुपये अनुदान के तौर पर उद्योगों को वितरित किए गए हैं।
एमएसएमई और स्टार्टअप को मिला समर्थन
एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि जनवरी 2022 से अब तक, इस योजना के अंतर्गत 16 माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) और 20 स्टार्टअप्स को सहायता दी गई है। पिछले पांच वर्षों में, MSMEs के लिए 182.41 करोड़ रुपये लागत की 42 परियोजनाएं और स्टार्टअप्स के लिए 59.47 करोड़ रुपये लागत की 25 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह योजना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के माध्यम से चलाई जा रही है।
26 तकनीकों का सफल विकास
इस योजना के तहत 26 अत्याधुनिक तकनीकों का विकास सफलतापूर्वक किया गया है। ये तकनीकें न केवल देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करती हैं बल्कि भारतीय उद्योगों और स्टार्टअप्स को ग्लोबल चुनौतियों के लिए तैयार भी करती हैं।
प्रमुख विकसित तकनीकों में शामिल हैं:
- उन्नत सैन्य विमान के लिए एवीपीएसएम और एआरआईएनसी 818 तकनीक।
- नौसेना के जहाजों के लिए 40 TPH और 125 TPH पंप।
- न्यूक्लियर इमरजेंसी के दौरान शरीर से दूषित पदार्थों को हटाने के लिए प्रु डिकॉर्प कैप्सूल।
- उन्नत ड्रोन, मिसाइल क्रायोकूलर और मानव-स्वास्थ्य पर आधारित एल्गोरिदम।
- वर्चुअल सेंसर्स और एआई आधारित तकनीकें।
सफलतापूर्वक विकसित की गई तकनीकें
- AVPSM, ARINC 818 – उन्नत सैन्य विमान के लिए
- SMFD (स्मार्ट मल्टी-फंक्शनल डिस्प्ले) – उन्नत सैन्य विमान के लिए
- 40TPH पंप (सबमर्सिबल पंप) – भारतीय नौसेना के जहाज के लिए जल स्तर बढ़ाने और घटाने के लिए
- 125 TPH पंप (रिकिरकुलेशन पंप) – भारतीय नौसेना के जहाज के लिए
- Pru Decorp 340mg कैप्सूल – न्यूक्लियर आपातकाल के दौरान शरीर से CS/TL को डीकंटेमिनेट करने के लिए
- Pru Decorp 500mg कैप्सूल – न्यूक्लियर आपातकाल के दौरान शरीर से CS/TL को डीकंटेमिनेट करने के लिए
- MIG 29K के लिए स्वास्थ्य उपयोग और मॉनिटरिंग प्रणाली (HUMS) का विकास
- नौसैनिक प्लेटफॉर्म्स के लिए WT/GT (वाटर टाइट/गैस टाइट) EMI/EMC संगत दरवाजों का विकास
- नौसैनिक प्लेटफॉर्म्स के लिए WT/GT (वाटर टाइट/गैस टाइट) EMI/EMC संगत हैच का विकास
- विमान अनुप्रयोग के लिए V/UHF ब्लेड एंटीना
- विमान अनुप्रयोग के लिए तापमान ट्रांसड्यूसर का विकास
- लो ऑर्बिट सैटेलाइट के लिए इथेनॉल और हाइड्रोजन पेरोक्साइड प्रणोदक प्रणाली का उपयोग कर प्रणोदक और थ्रस्टर का विकास
- लो ऑर्बिट सैटेलाइट के लिए गैर-हानिकर हाइड्राजाइन नैनो प्रणोदक प्रणाली का उपयोग कर प्रणोदक और थ्रस्टर का विकास
- U/W प्लेटफॉर्म के लिए VLF लूप एरियल सिस्टम
- U/W प्लेटफॉर्म के लिए VLF-HF मैट्रिक्स
- शारीरिक मापदंडों के आधार पर व्यक्ति का अल आधारित पहचान प्रणाली
- संपर्क रहित तनाव माप के लिए सेंसर रीडिंग भविष्यवाणी करने वाला सॉफ़्टवेयर
- AGTE में तनाव माप के लिए वर्चुअल सेंसर कार्यान्वयन का सॉफ़्टवेयर
- AGTE में कंप्रेसर और टर्बाइन टिप माप के लिए वर्चुअल सेंसर
- मिसाइल अनुप्रयोग के लिए JT क्रायोकूलर का विकास
- तेज़ उपचार के लिए मल्टी थेरेप्युटिक तकनीकों का विकास
- मानव रहित जमीन, समुद्री (समुद्र की सतह और जलमग्न) और हवाई वाहनों के लिए सिमुलेटर का विकास
- डेटा मूल्यांकन, सक्रिय शिक्षा और दृश्य डेटा के लिए विश्वासशीलता उपकरणों का विकास
- बंद/इनडोर वातावरण में खोज और रिपोर्ट मिशन के लिए स्वायत्त ड्रोन को पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में विकसित करना
- F1F2, F1A टैंक, विंग टैंक के लिए सर्ज राहत वाल्व
- विमान अनुप्रयोग के लिए एसी डबल एंडेड ईंधन बूस्टर पंप
स्टार्टअप्स को मिला बढ़ावा
टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड योजना ने विशेष रूप से उन स्टार्टअप्स को मंच दिया है, जो एडवांस टेक्नोलॉजी के डेलवपमेंट में रुचि रखते हैं। ये तकनीकें केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं बल्कि औद्योगिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी उपयोगी साबित हो सकती हैं।
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में पहल
रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल विदेशी निर्भरता कम हो रही है बल्कि देश के युवा उद्यमियों और वैज्ञानिकों को भी प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में यह योजना भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
सरकार की प्रतिबद्धता
यह योजना इस बात का उदाहरण है कि सरकार भारतीय रक्षा उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। DRDO की सक्रिय भागीदारी और उद्योगों के साथ तालमेल ने इस योजना को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
भविष्य की संभावनाएं
इस योजना के तहत विकसित तकनीकों का उपयोग केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। इन तकनीकों को नागरिक क्षेत्र में भी लागू किया जा सकता है, जिससे भारतीय उद्योगों को नई गति मिलेगी। इसके अलावा, यह योजना अन्य उभरते स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेगी।
टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड योजना: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम
यह योजना रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन, डेवलपमेंटऔर आत्मनिर्भरता के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है। भारतीय उद्योग और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर सरकार तकनीकी उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित कर रही है। यह योजना न केवल आज की जरूरतों को पूरा कर रही है बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी भारतीय रक्षा क्षेत्र को तैयार कर रही है।