रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.12 mintue

📍नई दिल्ली | 8 months ago

Tejas Mk1A Engine: भारत के प्रमुख विमान निर्माता, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील, पिछले दिनों रूस के दौरे पर थे।रूसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उनका यह दौरा तेजस Mk1A फाइटर जेट और भविष्य के भारतीय विमानों के लिए इंजन बनाने को लेकर है।

Tejas Mk1A Engine: Is India Collaborating with Russia for Fighter Jet Engines? The Reason Behind HAL Chief's Moscow Visit

F-404 इंजन की आपूर्ति में देरी बनी चिंता

एचएएल चीफ का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब GE एयरोस्पेस की तरफ से तेजस Mk1A में इस्तेमाल किए जाने वाले F-404 इंजन की सप्लाई में देरी हो रही है। जिसके चलके भारतीय वायुसेना और एचएएल भी चिंता जता चुका है। क्योंकि देरी की वजह से भारतीय वायुसेना (IAF) के ऑर्डर किए गए 83 तेजस Mk1A विमानों के निर्माण में देरी हो रही है।

इंजन बदलना फिलहाल संभव नहीं

हालांकि, सूत्रों का मानना है कि तेजस Mk1A के इंजन को पूरी तरह से बदलने की संभावना बेहद कम है। किसी भी नए इंजन को लगाने के लिए बड़े स्तर पर टेस्ट और सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है, जिसमें तीन से चार साल का समय लग सकता है। वहीं, अगर भारत यह कदम यह उठाता है, तो इससे तेजन के निर्माण में और देरी होगी और भारतीय वायुसेना को समय पर तेजस एमके-1ए विमानों की डिलीवरी नहीं मिल पाएगी। क्योंकि, HAL को 2025 तक भारतीय वायुसेना को पहला तेजस Mk1A विमान सौंपना है।

रूस के साथ रक्षा साझेदारी की नई संभावनाएं

रूस भारत का पुराना रक्षा साझेदार रहा है। दोनों देशों ने कई सफल परियोजनाओं पर साथ काम किया है, जिनमें Su-30MKI लड़ाकू विमान का डेवलपमेंट भी शामिल है। रूसी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, HAL रूस के AL-31F इंजन और इसके सह-विकास को लेकर नए विकल्पों पर विचार कर रहा है। संभावना है कि HAL इस इंजन के कुछ हिस्सों को भारतीय तकनीक से जोड़ने की योजना बना रहा है, ताकि स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।

यह भी पढ़ें:  Defence Ministry IAF: भारतीय वायुसेना की कमियों को दूर करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बनाई उच्चस्तरीय समिति

तेजस Mk1A भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। यह विमान अपनी एडडवांस तकनीक, मल्टी-रोल क्षमताओं और स्वदेशी डिजाइन के कारण भारतीय वायुसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। IAF ने तेजस Mk1A के 83 विमानों का ऑर्डर दिया है, जिनकी आपूर्ति 2025 से शुरू होनी है। इस विमान का निर्माण भारत की आत्मनिर्भर रक्षा पहल का हिस्सा है।

GE एयरोस्पेस की तरफ से F-404 इंजन की आपूर्ति में देरी ग्लोबल सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों के कारण हो रही है। ऐसे में HAL का रूस की ओर रुख यह संकेत देता है कि भारत अपने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

तेजस Mk1A कार्यक्रम भारत की रक्षा क्षमता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। F-404 इंजन की आपूर्ति में देरी ने भले ही इस कार्यक्रम को चुनौती दी हो, लेकिन HAL के प्रयास और रूस के साथ संभावित सहयोग भविष्य में इन चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

Leave a Reply

Share on WhatsApp